पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस के सीनियर नेता पी चिदंबरम की जमानत याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी. सुप्रीम कोर्ट चिदंबरम की उस याचिका पर सुनवाई करेगा, जिसमें उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी है. दिल्ली हाईकोर्ट ने चिदंबरम को जमानत देने से इनकार कर दिया था.
एक तरफ जहां चिदंबरम की जमानत पर फैसला आना है, वहीं दूसरी तरफ सीबीआई उनकी जमानत के खिलाफ पूरा जोर लगा रही है. सीबीआई की तरफ से कोर्ट में कहा गया है कि जब तक इस मामले में ट्रायल शुरू नहीं हो जाता है तब तक आरोपी को जमानत नहीं दी जानी चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई से मांगा था जवाब
बता दें कि पी चिदंबरम के वकील सुप्रीम कोर्ट में लगातार जमानत को लेकर अर्जी दाखिल कर रहे हैं. हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर इस याचिका पर तुरंत सुनवाई की मांग की गई थी. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने 15 अक्टूबर तक सीबीआई को जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए. जिसके बाद एक बार फिर सुनवाई हुई और सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया. कहा गया कि 22 अक्टूबर को इस फैसले को सुनाया जाएगा.
दिल्ली हाईकोर्ट में जमानत याचिका के दौरान चिदंबरम की तरफ से कहा गया कि उनके खिलाफ की गई कार्रवाई दुर्भावनापूर्ण है. उन्हें इस मामले में राहत दी जानी चाहिए. लेकिन हाईकोर्ट ने इन दलीलों को खारिज कर दिया था. चिदंबरम 24 अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत में हैं.
सीबीआई ने चिदंबरम के खिलाफ आईएनएक्स मीडिया मामले में चार्जशीट भी दाखिल कर दी है. जिसमें पी चिदंबरम उनके बेटे कार्ति चिदंबरम और पीटर मुखर्जी का नाम शामिल है. इन तीनों को इस मामले में आरोपी बनाया गया है.
CBI ने SC को बताया, INX केस में चिदंबरम के खिलाफ चार्जशीट दायर
क्या हैं आरोप?
INX मीडिया समूह को 2007 में 305 करोड़ रुपये की विदेशी निधि की प्राप्ति के लिए FIPB की मंजूरी में कथित अनियमितताओं को लेकर सीबीआई ने 15 मई, 2017 को एक प्राथमिकी दर्ज की थी. उस वक्त (2007 में) चिदंबरम वित्त मंत्री के पद पर थे. बाद में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भी 2017 में इस संबंध में मनी लॉन्ड्रिंग का एक मामला दर्ज किया. चिदंबरम 2004 से 2014 के बीच यूपीए सरकार के दौरान केद्रीय वित्त मंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री के पदों पर रहे थे. उन पर गैर कानूनी तरीके से इस कंपनी को एफडीआई की मंजूरी देने का आरोप लगा था.