राम मंदिर के मुद्दे पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट की तरफ से आए बयान और उन बयानों पर भारतीय जनता पार्टी व शिवसेना के नेताओं की प्रतिक्रिया पर असदुद्दीन ओवैसी ने सवाल उठाया है. उन्होंने शिवसेना और भाजपा नेताओं के बयान को सुप्रीम कोर्ट की तौहीन बताया है.
‘निर्णय तो सुप्रीम कोर्ट लेगा’
हैदराबाद के सांसद और AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि शिवसेना और भाजपा नेताओं को कैसे पता है कि फैसला उनके पक्ष में आएगा. उन्होंने कहा, “इस पर फैसला सुप्रीम कोर्ट को लेना है. शिवसेना और भाजपा तो तय करने वाले नहीं हैं, निर्णय तो सुप्रीम कोर्ट लेगा.”
शिवसेना की टिप्पणी पर ओवैसी ने कहा कि महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव आ रहा है, उनके पास चुनाव में लड़ने के लिए कुछ नहीं है. ऐसे में वे इस मामले का महज अपने फायदे के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं. जब जब चुनाव नजदीक आते हैं, ऐसे मुद्दे उठाए जाते हैं.
असदुद्दीन औवैसी ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि सुप्रीम कोर्ट इस मुद्दे पर क्या निर्णय लेता है. उन्होंने कहा कि कोर्ट पहले भी इंसाफ करता आया है और उम्मीद है कि इस बार भी कोर्ट इंसाफ करेगा. ओवैसी ने राम मंदिर मुद्दे पर मध्यस्थता करने वाली की चिट्ठी लीक होने पर भी सवाल उठाए और पूछा कि यह चिट्ठी कैसे मीडिया तक पहुंच गई.
’18 अक्टूबर तक सुनवाई पूरी होने की उम्मीद‘
बुधवार को सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कहा है कि राम मंदिर के मुद्दे पर सुनवाई 18 अक्टूबर तक पूरी होने की उम्मीद है. उन्होने कहा है कि जरूरत पड़ी तो सुनवाई का समय बढ़ाया जाएगा और जरूरत पड़ने पर शनिवार को भी सुनवाई की जाएगी.
सुप्रीम कोर्ट में राम मंदिर मुद्दे की सुनवाई 5 जजों की संविधान पीठ कर रही है और मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई उस पीठ में शामिल हैं. सुनवाई पर लगातार पूरे देश की नजर बनी हुई है.