मां का दूध हर बच्चे के लिए किसी भी वरदान से कम नहीं है। बच्चे के पैदा होते ही सबसे पहले पीले रंग का दूध जो मां की छाती से उतरता है वो उसके शिशु को कई जानलेवा बीमारियों से लड़ने के लिए शक्ति प्रदान करता है। खास बात यह है कि दूध पिलाते समय मां और उसके शिशु के बीच एक मजबूत भावनात्मक रिश्ता भी बनता है। लेकिन कई बार स्वास्थ्य कारणों की वजह से मां की छाती से उसके बच्चे की जरूरत भर का पूरा दूध भी नहीं उतर पाता है। ऐसे में आइए जानते हैं आखिर कौन से वो प्राकृतिक तरीके हैं जो हर मां की इस समस्या को दूर करने में मदद कर सकते हैं।
जीरा-
सफेद जीरा, सौंफ तथा मिश्री तीनों का अलग-अलग चूर्ण बनाकर समान मात्रा में मिलाकर रख लें। अब रोजाना इसका एक चम्मच दूध के साथ दिन में 3 बार प्रसूता स्त्री को दें। ऐसा करने से उसकी छाती से उतरने वाले दूध में वृद्धि होगी।
पपीता
यदि किसी महिला के शरीर में खून की कमी के कारण उसके स्तनों से दूध नहीं उतर रहा है तो डाल का पका हुआ एक पपीता रोजाना खाली पेट उसे खाने को दें। लगातार बीस दिनों तक ऐसा करने से दूध में वृद्धि होगी।
मुनक्का
10-12 मुनक्के लेकर दूध में उबालकर प्रसूता स्त्री को प्रसव के बाद दिन में दो बार सेवन कराने से पर्याप्त लाभ मिलता है।
प्याज
भोजन के साथ कच्चे प्याज का सेवन करने से माताओं के स्तन से उतरने वाले दूध में वृद्धि होती है। भोजन करते समय माताएं कच्चे प्याज का सेवन जरूर करें।
चना
लगभग 50-60 ग्राम काबुली चने रात को दूध में भिगो दें। सुबह के समय दूध को छानकर अलग कर लें। इसके बाद इन चनों को खूब चबा-चबाकर खाएं। चनों के ऊपर दूध पीने से भी स्त्रियों के दूध में पर्याप्त मात्रा में वृद्धि होती है।