महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे को ईडी द्वारा भेजे गये नोटिस के खिलाफ विपक्ष की त्योंरियां चढ़ गयी है। इस नोटिस का कांग्रेस और एनसीपी दोनों ने विरोध किया है। कांग्रेस ने आरोप लगाते हुए जहां इसे बदले की कहा तो वहीं एनसीपी ने सत्ता पक्ष द्वारा विपक्ष की आवाज को दबाने का प्रयत्न बताया।
क्या कहा NCPनेता ने?
एनसीपी के प्रवक्ता और मुंबई अध्यक्ष नवाब मलिक ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि मोदी सरकार देश भर के विभिन्न एजेंसियों का उपयोग करके अपने विरोधियों को दबाने का काम कर रही है। ईडी हो या सीबीआई, इन सभी का दुरूपयोग किस तरह से किया जाना चाहिए, इसे बीजेपी करके दिखा रही है। मलिक ने आगे कहा कि, पिछले लोकसभा चुनाव में राज ठाकरे ने सरकार के खिलाफ जो भूमिका निभाई थी उससे सरकार के मन में डर बैठ गया था। इसीलिए राज ठाकरे को यह नोटिस भेजा गया है।
बीजेपी पर निशाना साधते हुए मलिक ने कहा कि, सत्ताधारी पार्टी जिस तरह से तमाम विरोधी पार्टियों को समाप्त करना चाह रही है तो सभी विरोधी पार्टियों की यह जवाबदारी है कि वे एक हो जाएं और सत्ता पक्ष की गलत नीतियों का विरोध करे। वे कहते हैं कि देश की जनता सब देख रही है। कुर्सी का दुरूपयोग करने वाली इस बीजेपी सरकार को जनता केंद्र और राज्य दोनों जगह पर सबक सिखाएगी।
बदले की भावना से किया गया कार्य- कांग्रेस
कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष बालासाहेब थोराट ने इस बाबत कहा कि सरकार की गलत नीतियों का जो भी विरोध करता है तो उसके पीछे ईडी, इनकम टैक्स और सीबीआई की जांच लगा दी जाती है। कांग्रेस के नेता पी.चिदंबरम सहित ऐसे अनेक नेता हैं जिन्हें इस तरह से परेशान किया जा रहा है। मोदी और शाह की यह जोड़ी लोकतंत्र में जिस तरह से तानाशाही भरा काम कर रही है वह देश के लिए घातक है। राज ठाकरे को जो नोटिस भेजी गयी है वह बदले की भावना से किया गया कार्य है।