नई दिल्ली। केंद्र सरकार की एडवाइजरी के बाद अमरनाथ यात्रा पर गए श्रद्धालुओं की वापसी और सुरक्षाबलों की तैनाती से तरह-तरह की अटकलें लग रही हैं। इसी बीच जम्मू-कश्मीर में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं। सूत्रों के मुताबिक, कई राजनेताओं को नज़रबंद किया गया है। कश्मीर में बढ़ी हलचल के बाद राजनीतिक बयानबाजी भी तेज हो गई है। वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम ने जम्मू-कश्मीर में नेताओं को नजरबंद किए जाने की आलोचना की।
चिदंबरम ने कहा कि उन्होंने जम्मू-कश्मीर को लेकर केंद्र द्वारा दुस्साहसपूर्ण कार्रवाई की चेतावनी पहले ही दे रही थी, लगता है सरकार अब ऐसा करने पर अड़ गई है। चिदंबरम ने कहा कि कश्मीर में नेताओं को नजरबंद किया जाना लोकतंत्र की आवाज को कुचलने जैसा है। चिदंबरम ने लिखा, जम्मू-कश्मीर में नेताओं को उनके घरों में नजरबंद किया जाना इस बात का संकेत है कि ये सरकार अपने मकसद को हासिल करने के लिए लोकतांत्रिक मूल्यों और सिद्धांतों को कुचल देगी।
चिदंबरम ने कहा कि दिन की समाप्ति पर बता दिया जाएगा कि जम्मू- कश्मीर में क्या कुछ गंभीर होने वाला है। इसके पहले, कांग्रेस नेता शशि थरूर ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला के नजरबंद किए जाने ट्वीट किया था। थरूर ने कहा कि आप अकेले नहीं हैं, उमर अब्दुल्ला। हर भारतीय आपके साथ है।
थरूर ने ट्वीट करके पूछा कि जम्मू कश्मीर में क्या चल रहा है, आखिर क्यों नेताओं को आधी रात में नजरबंद किया जा रहा है, बावजूद इसके कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है। अगर कश्मीरी हमारे नागरिक हैं और उनके नेता हमारे सहयोगी तो मुख्यधारा के लोगों को उनका साथ देना चाहिए। अगर हम उन्हें भी पराया करेंगे तो आखिर कौन बचेगा।