17वीं लोकसभा का पहला बजट सत्र जारी है। सोमवार को लोकसभा और राज्यसभा में एक के बाद एक तीन विधेयक पेश किए गए, इन तीनों बिलों को पास कर दिया गया। लोकसभा ने नेशनल मेडिकल कमीशन बिल, ‘द रेपेलिंग एंड अमेंडिंग बिल- 2019 को पास कर दिया। वहीं राज्यसभा में ‘दि इन्सॉल्वेंसी ऐंड बैंकरप्सी कोड (संशोधन) विधेयक, 2019’ पारित किया गया। सदन में बांध सुरक्षा बिल भी पेश किया गया। सरकार के एजेंडे में कुल 20 से ज्यादा बिल शामिल हैं जिन्हें इस बढ़े हुए सत्र में संसद में लाया जा सकता है।
लोकसभा से नेशनल मेडिकल कमीशन बिल पास हो गया है। कांग्रेस सांसदों ने बिल में विपक्ष के किसी भी संशोधन प्रस्ताव शामिल न किए जाने को लेकर विरोध में सदन से वॉकआउट कर दिया। लोकसभा में स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने मेडिकल काउंसिल बिल को पेश करते हुए कहा कि यह काफी जरूरी बिल है जिससे छात्रों को लाभ पहुंचेगा और उनकी फीस नियंत्रित रहेगी। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया, ‘विधेयक में 25 सदस्यीय राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग के गठन का प्रावधान है। इसे पारित होने के तीन साल के अंदर राज्यों में भी मेडिकल काउंसिल गठित किया जाएगा।
राज्यसभा ने इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कानून में बदलाव से जुड़े बिल को पास कर दिया। सांसद कपिल सिब्बल ने बिल पर बोलते हुए कहा कि यह काफी जटिल कानून है और इसमें कुछ बिन्दुओं पर स्थिति साफ होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अर्थव्यस्था की हालत ठीक नहीं है और बाजार में मांग की कमी हुई है। कपिल सिब्बल ने कहा कि इस बिल को सेलेक्ट कमेटी के पास भेजना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोर्ट में लंबित मामले को सरकार कानून के जरिए सुलझाने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस सांसद ने कहा कि जिन मामलों में सीधे सरकार एक पक्ष होगी ऐसे मामलों को कैसे निपटाया जाएगा। यह बिल सेलेक्ट कमेटी के पास जाए बगैर सदन से पारित नहीं किया जाना चाहिए।
अनियमित जमा योजना पर पाबंदी लगाने वाले बिल को राज्यसभा ने ध्वनिमत से पारित कर दिया है। बिल को बगैर किसी संशोधन के मंजूरी दी गई है, यह बिल लोकसभा से पास हो चुका है। डीएमके के पी विल्सन इस पर विचार रखते हुए कुछ सुझाव दिया और कहा कि वे विधेयक का समर्थन करते हैं।