पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि आम बजट देश के उच्च आर्थिक वृद्धिदर के रास्ते पर लौटने का रोडमैप है। बजट इस बात पर आधारित है कि जो अर्थव्यवस्था सूझ-बूझ वाली राजकोषीय नीति अपनाती है वह इस मोर्चे पर लापरवाही करने वालों से उलट फायदे में रहती है। जेटली ने कहा, एक बुनियादी सवाल हमेशा रहा है कि ‘अच्छे अर्थशास्त्र’ और ‘चतुर राजनीति’ के बीच क्या चुनना चाहिए। बजट पेश होने के एक दिन बाद शनिवार को ‘द बजट 2019-20’ शीर्षक से अपने पोस्ट में उन्होंने लिखा, ‘यह विकल्प अनुचित है क्योंकि किसी भी सरकार को बने रहने और अच्छे प्रदर्शन के दिए दोनों की जरूरत होती है। प्रधानमंत्री का पहला कार्यकाल बेहतर अर्थशास्त्र और अच्छी राजनीति का गवाह रहा है।’
जेटली ने कहा, बजट विकास की आकांक्षा रखने वाले भारत के लिए राजनीतिक दिशा तय करता है। सस्ते मकान और इलेक्ट्रिक वाहन जैसी मध्य और नव-मध्य वर्ग के हितों से जुड़ी चीजों को प्रोत्साहन दिया गया है।
बजट में रोजगार सृजन तथा निवेश आकर्षित करने के लिए बुनियादी ढांचा, निर्माण और रीयल एस्टेट क्षेत्र को भी गति देने के उपाय हैं। उन्होंने कहा, भारत दुनिया में तीव्र आर्थिक वृद्धि वाला बड़ी अर्थव्यवस्था है। दो-तीन तिमाहियों में वृद्धि में थोड़ी कमी हुर्ह है। बजट नीति दस्तावेज के रूप में आर्थिक वृद्धि के मोर्चे पर देश को पटरी पर लाने को लेकर रूपरेखा को रखता है।