बिहार में अभी इंसेफलाइटिस से सैकड़ों बच्चे मारे गए. इसके लिए जिम्मेदार कहीं न कहीं राज्य में मौजूद स्वास्थ्य सुविधाएं भी हैं. बिहार और उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्थाएं सबसे खराब हालत में हैं. इन दोनों राज्यों में स्वास्थ्य सुविधाएं सुधर नहीं रही हैं. 2015-16 की तुलना में इस बार और बिगड़ गई हैं. ये खुलासा हुआ है नीति आयोग की हेल्थ इंडेक्स-2019 रिपोर्ट में. हेल्थ इंडेक्स-19 में 21 राज्यों की स्वास्थ्य सुविधाओं का आकलन किया गया है. उत्तर प्रदेश 2015-16 में निचले पायदान पर था, वह इस बार भी उसी स्थान पर टिका हुआ है. वहीं, बिहार एक रैंक नीचे खिसक गया है.
स्वास्थ्य सुविधाओं के मामले में देश में केरल पहला, आंध्र प्रदेश दूसरा और महाराष्ट्र तीसरे स्थान पर हैं. अगर संघ शासित राज्यों की बात करें तो चंडीगढ़ पहले नंबर पर, दादर-नगर हवेली दूसरे, लक्षद्वीप तीसरे स्थान पर है. इस सूची में दिल्ली पांचवें स्थान पर है. उत्तर प्रदेश और बिहार दोनों ही राज्यों में भाजपा और एनडीए की सरकार है, इसके बावजूद स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर सिर्फ घोषणाएं ही हो रही हैं.
बिहार-उत्तर प्रदेश की रैंकिंग और स्कोर दोनों बिगड़े
वर्ष 2015-16 में उत्तर प्रदेश का स्कोर 33.69 था. 2019 में यह 28.61 पर आ गया यानी 5.08 अंक की गिरावट. इसी तरह बिहार का स्कोर भी 38.46 से घटकर 32.11 पर आ गया है. यानी 6.35 अंक की गिरावट दर्ज हुई है. दोनों राज्यों की स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है. इसके साथ ही उत्तराखंड, पंजाब, मध्य प्रदेश और दिल्ली का प्रदर्शन भी खराब हुआ है.
हेल्थ इंडेक्स पर राज्यों का स्कोर एवं रैंक
रैंक राज्य स्कोर 2015-16 स्कोर2017-18
1. केरल 76.55 74.01
2. आंध्र प्रदेश 60.16 65.13
3. महाराष्ट्र 61.07 63.99
4. गुजरात 63.52 61.99
5. पंजाब 65.52 63.01
6. हिमाचल प्रदेश 61.20 62.41
7. जम्मू कश्मीर 60.35 62.37
8. कर्नाटक 58.70 61.14
9. तमिलनाडु 63.38 58.70
10. तेलंगाना 55.39 59.00
11. पश्चिम बंगाल 58.25 57.17
12. हरियाणा 46.97 53.51
13. छत्तीसगढ़ 52.02 53.36
14. झारखंड 45.33 51.33
15. असम 44.13 48.85
16. राजस्थान 36.79 43.10
17. उत्तराखंड 45.22 40.20
18. मध्य प्रदेश 40.09 38.39
19. उड़ीसा 39.43 35.97
20. बिहार 38.46 32.11
21. उत्तर प्रदेश 33.69 28.61
हरियाणा, राजस्थान, झारखंड ने तेजी से किया है स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार
हेल्थ इंडेक्स पर हरियाणा की रैंकिंग 12वीं है लेकिन उसकी इंक्रीमेंटल इंडेक्स (वृद्धिशील सूची) में पहली रैंक है. यानी हरियाणा ने अपनी स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार किया है. 2015-16 में हेल्थ इंडेक्स पर हरियाणा का स्कोर 46.97 था जो अब बढ़कर 53.51 हो गया है. राजस्थान और झारखंड का प्रदर्शन भी बेहतर हुआ है. 2015-16 में झारखंड के 45.33 अंक थे जो अब बढ़कर 51.33 हो गया है. राजस्थान के 36.79 अंक थे जो अब बढ़कर 43.10 हो गया है.
इंक्रीमेंटल इंडेक्स में सबसे निचले पायदान पर मौजूद है बिहार
इंक्रीमेंटल इंडेक्स (वृद्धिशील सूची) देखें तो स्पष्ट तौर पर दिखता है कि बिहार की हालत सबसे खराब है. 2015-16 की तुलना में उसके स्कोर में 6.35 अंकों की गिरावट है. फिर, 5.08 अंकों की गिरावट के साथ उत्तर प्रदेश, 5.02 अंकों की गिरावट के साथ उत्तराखंड, 3.46 अंकों की गिरावट के साथ ओडिशा, 2.97 अंकों की गिरावट के साथ तमिलनाडु, 2.55 अंकों की गिरावट के साथ केरल, 2.20 अंकों के साथ पंजाब, 2.70 अंकों के साथ मध्यप्रदेश और 1.08 अंकों के साथ प. बंगाल हैं.
प्रदर्शन के आधार पर सूची को तीन हिस्सों में बांटा गया है
निचले पायदान पर हैं ये राज्य – राजस्थान, उत्तराखंड, मध्यप्रदेश, ओडिशा, बिहार, उत्तर प्रदेश
सुधार हासिल करने वाले राज्य – प. बंगाल, हरियाणा, छत्तीसगढ़, झारखंड, असम
सबसे आगे – केरल, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक, तमिलनाडु, तेलंगाना
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