भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने राम मंदिर मुद्दे पर कहा कि कुछ भी हो, इस साल कुछ करना है। उन्होंने राममंदिर निर्माण का फार्मूला भी बताया। उन्होंने कहा कि राममंदिर मामले में प्रधानमंत्री से गलती हुई। जो सरकार की जमीन है, उसके लिए सुप्रीम कोर्ट से इजाजत नहीं लेनी चाहिए थी, वह अनावश्यक थी। उन्होंने कहा कि अयोध्या के बाद मथुरा और फिर काशी विश्वनाथ का नंबर आएगा।
मंगलवार को बीएसए कॉलेज में आयोजित लोकतंत्र रक्षा दिवस कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचे सुब्रमण्यम स्वामी ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय में जो सलाहकार आते हैं, वे राममंदिर के कागजात पढ़ने की जरुरत नहीं समझते। अयोध्या में जो सरकार की जगह है, वह रामजन्मभूमि न्यास को दे देनी चाहिए और शीघ्र से शीघ्र राममंदिर बनवा लेना चाहिए। जो जमीन विवादित है, उस पर बाद में निर्णय आता रहेगा कि कौन उसका मालिक है। फिर सरकार उसे मुआवजा दे सकती है, जमीन देने की जरूरत नहीं है। कहा कि इस साल शुरु करें तो दो वर्ष में राम मंदिर बन जाएगा ।
बिहार में बच्चों की मौत के सवाल पर उन्होंने कहा कि हम राज्य सरकार को मदद कर सकते हैं, लेकिन राज्य सरकार ने कुछ नहीं किया। जिंदा रहने का बच्चों का मूलभूत अधिकार है। खेद की बात है कि देश की स्वाधीनता को 70 साल हो गए हैं, फिर भी ऐसी घटनाएं हो रही हैं।
पूछा गया कि हरियाणा की खट्टर सरकार रामरहीम को लेकर नरमी क्यों बरत रही है। इस पर उन्होंने कहा कि जब राजीव गांधी की हत्यारिन नलिनी को पैरोल पर छोड़ने की बात का किसी ने विरोध नहीं किया तो रामरहीम का विरोध क्यों। उसने किसी विदेशी आतंकवादी संगठन के साथ मिलकर देश के प्रधानमंत्री पर वार थोड़े ही किया है।
तीन तलाक के मुद्दे पर आजम खां के विरोध पर उन्होंने कहा कि वह कौन होते हैं। एक बार संसद में बिल पास हो जाए, तो सबको मानना पड़ेगा।
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