क़रीब एक महीने पहले ही आंध्र प्रदेश विधानसभा और लोकसभा चुनाव में अपमानजनक हार के बाद चंद्रबाबू नायडू की तेलुगू देशम पार्टी गुरुवार को एक और बड़े संकट में घिर गई.
टीडीपी के कुल छह राज्यसभा सांसदों में से चार सांसद बीजेपी में शामिल हो गए. ये चार सांसद हैं- वाई एस चौधरी उर्फ़ सुजान चौधरी, टीजी वेंकटेश, सीएम रमेश और गरिकापति मोहन राव.
इन चारों सांसदों ने उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू से मिलकर एक पत्र सौंपा है जिसमें राज्यसभा में इन्हें एक अलग समूह के तौर पर मान्यता देने और बीजेपी में विलय करने की अनुमति मांगी है.
इन चारों सांसदों ने पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी प्रमुख अमित शाह से मुलाक़ात की थी. इसके बाद इनकी मुलाक़ात पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा से हुई थी. चौधरी, वेंकटेश और रमेश आंध्र प्रदेश से राज्यसभा सांसद हैं जबकि मोहन राव तेलंगाना से हैं. इन चारों सांसदों के बीजेपी में शामिल होने के बाद टीडीपी के महज दो सांसद कनकामेदला रविंद्र कुमार और थोटा सीताराम लक्ष्मी ही बचे हैं.
चंद्रबाबू नायडू को यह झटका तब लगा है जब वो अपने परिवार के साथ छुट्टी बीताने यूरोप में गए हैं. वो 26 जून को वापस आने वाले हैं. वेंकटेश ने पत्रकारों से कहा है, ”हम चारों ने यह फ़ैसला तब लिया जब हमें लगा कि जनता की सहानुभूति और समर्थन बीजेपी के साथ है. हमने रायलसीमा के विकास की चिंताओं के कारण बीजेपी जॉइन किया है. कॉलेज के दिनों में मैं एबीवीपी का सक्रिय सदस्य था इसलिए बीजेपी मेरे लिए कोई नई पार्टी नहीं है.”
इन चार सांसदों के साथ राज्यसभा में बीजेपी के कुल 75 सांसद हो गए हैं.