कुष्ठ रोग या ‘हार्सन्स डिजीज’ (Leprosy) से पीड़ित मरीजों को समाज में फैली गलत अवधारणाओं और दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ता है। लेकिन यदि इस बीमारी का जल्द इलाज हो जाए तो इन रोगियों को इन तमाम मुश्किलों से छुटकारा मिल सकता है।
इन्द्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल के डमेर्टोलॉजी विभाग के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. डी. एम. महाजन ने एक बयान में कहा कि कुष्ठ रोग के इलाज में देरी के परिणाम गंभीर हो सकते हैं। इससे व्यक्ति को शारीरिक अपंगता हो सकती है। उसके अंग कुरूप हो सकते हैं, तंत्रिकाएं स्थायी रूप से क्षतिग्रस्त हो सकती हैं। बीमारी का जल्द से जल्द इलाज जरूरी है, ताकि मरीज के ऊतकों को गंभीर नुकसान न पहुंचे।
उन्होंने कहा कि कुष्ठ रोग एक जीर्ण संक्रमण है, जिसका असर व्यक्ति की त्वचा, आंखों, श्वसन तंत्र एवं परिधीय तंत्रिकाओं पर पड़ता है। यह मायकोबैक्टीरियम लैप्री नामक जीवाणु के कारण होता है। हालांकि यह बीमारी बहुत ज्यादा संक्रामक नहीं है, लेकिन मरीज के साथ लगातार संपर्क में रहने से संक्रमण हो सकता है। बीमार व्यक्ति के छींकने या खांसने पर बैक्टीरिया हवा से फैल सकता है। अगर यह बैक्टीरिया स्वस्थ व्यक्ति की सांस में चला जाए तो उसे कुष्ठ रोग का संक्रमण हो सकता है।”
कुष्ठ रोग का इलाज संभव है। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा 1995 में विकसित मल्टी-ड्रग थेरेपी इस संक्रमण के इलाज में बेहद प्रभावी पाई गई है। भारत सरकार कुष्ठ रोग का नि:शुल्क इलाज उपलब्ध कराती है। हालांकि बहुत से लोग उनके साथ होने वाले भेदभाव और समाज में फैली गलत अवधारणाओं के कारण अपना इलाज नहीं करवाते हैं।
उन्होंने कहा हालांकि यह सच है कि सावधानी के तौर पर आपको संक्रमित व्यक्ति के साथ लंबे समय तक संपर्क में नहीं रहना चाहिए, लेकिन कुष्ठ रोग के मरीज को बिल्कुल अलग करना भी जरूरी नहीं है। साथ ही सही इलाज के बाद मरीज संक्रमण से मुक्त हो सकता है और इसके बाद वह बिल्कुल संक्रामक नहीं रहता। कुष्ठ रोगी ठीक होने के बाद समाज के उत्पादक सदस्य के रूप में अपना जीवन जी सकते हैं।
अब हमारी खबरें यूट्यूब चैनल पर भी देखें । नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें और हमारा यूट्यूब चैनल सब्सक्राइब करें ।
https://www.youtube.com/channel/UC4xxebvaN1ctk4KYJQVUL8g
अब हमारी ख़बरें एप्लीकेशन पर भी उपलब्ध हैं । हमारा एप्लीकेशन गूगल प्ले स्टोर से अभी डाउनलोड करें और खबरें पढ़ें ।
https://play.google.com/store/apps/details?id=com.dastak24.newsapp&hl=en