NDA का नेता चुने जाने पर सांसदों को क्या-क्या बोले नरेंद्र मोदी?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बीजेपी और एनडीए संसदीय दल का नेता चुन लिया गया. 25 मई को संसद के सेंट्रल हॉल में एनडीए की बैठक हुई. एनडीए के सांसदों समेत बीजेपी शासित राज्यों के सीएम, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, अकाली दल के प्रमुख प्रकाश सिंह बादल, शिव सेना के प्रमुख और अन्य नेता मौजूद रहे. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने बीजेपी संसदीय दल के नेता के रूप में नरेंद्र मोदी का प्रस्ताव दिया किया था. सभी सदस्यों ने हाथ उटाकर और मेज थपथपाकर इसका स्वागत किया.

पीएम मोदी के नाम का राजनाथ सिंह और नितिन गडकरी ने अनुमोदन किया. बीजेपी के सभी नए सदस्यों ने हाथ उठाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का समर्थन दिया. बीजेपी संसदीय दल के बाद एनडीए संसदीय दल के नेता का चुनाव हुआ जिसका प्रस्ताव अकाली दल प्रमुख प्रकाश सिंह बादल ने किया. नीतीश कुमार, उद्धव ठाकरे, मविलास पासवान, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के. पलनीसामी, नागालैंड के मुख्यमंत्री नेफ़्यू रियू, मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा ने समर्थन किया.

बीजेपी और एनडीए के संसदीय दल का नेता चुने जाने के बाद पीएम मोदी ने कहा कि पहली बार चुनकर आए सांसद विशेष अभिनंदन के अधिकारी हैं. नई ऊर्जा और उमंग के साथ हमें आगे बढ़ना है. भारत के लोकतंत्र और मतदाता को हमें समझना होगा. किसी मापदंड से उसे मापा नहीं जा सकता. भारत का लोकतंत्र परिपक्व हो रहा है. सत्ता भाव भारत का मतदाता स्वीकार नहीं करता. कभी सहन कर लेगा लेकिन सम्मान नहीं देता. जनता ने हमें सेवाभाव के कारण स्वीकार किया है. यह भाव बढ़ेगा तो जनता का आशीर्वाद भी बढ़ेगा.

 

जीव ही शिव है. सेवाभाव से बड़ा कोई मार्ग नहीं हो सकता है. आपने मुझे नेता चुना है. यह व्यवस्था का हिस्सा है लेकिन मैं आप में से एक हूं. आपके बराबर हूं. हमे कंधे से कंधा मिलाकर चलना है. गलती हो भी जाए तो एक सिर ऐसा होना चाहिए जो उसे झेल ले. मैं वही सिर हूं. इस चुनाव की बहुत बड़ी विशेषता है. आचार्य विनोबा भावे कहते थे. चुनाव बांट देता है. दूरियां पैदा करता है. लेकिन 2019 के चुनाव ने दीवारों को तोड़ने का काम किया है. दिलों को जोड़ने का काम किया है. एक प्रकार से समाजिक एकता का काम किया है. देश की जनता ने नए युग की शुरुआत की है. हम उसके साक्षी हैं. रचयिता नहीं हैं.

 

पीएम ने कहा कि चुनाव कॉन्ट्रैक्ट बन गया था. 5 साल के लिए कॉन्ट्रैक्ट मिलता था. लेकिन युवा देश भागीदार बन गया है. देश 2014 से 19 तक हमारे साथ चला है. दो कदम आगे चला है. देश के सवा करोड़ परिवारों ने गैस की सब्सिडी छोड़ दी. हमसे ज्यादा देशवासियों ने किया है. विश्वास की डोर जब मजबूत होती है तो प्रो-इंकंबेंसी होती है. यह विश्वास की डोर जनता और सरकार के बीच ही नहीं जन-जन के बीच था. इसके कारण यह चुनाव पॉजिटिव चुनाव बन गया. सकारात्मक सोच ने इतना बड़ा जनादेश दिया है. हिन्दुस्तान के मतदाता में नीर-क्षीर विवेक है. यह देश परिश्रम की पूजा करता है. इमान को सिर पर बैठाता है.

 

पीएम ने कहा कि इतना बड़ा जनादेश पाकर सीना चौड़ा हो जाता है. यह स्वभाविक है. जनप्रतिनिधि के लिए भेद-रेखा नहीं हो सकती. जो हमारे साथ थे उनके लिए भी थे. जो भविष्य में हमारे साथ होंगे उनके लिए भी है. सबका साथ सबका विकास हमारी सरकार का दायित्व है. अब हमारा कोई पराया नहीं हो सकता है. दिलों को जीतने की कोशिश करेंगे. बीजेपी के वोट शेयर में 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. ट्रंप को जितने वोट मिले थे. उतना हमारा इंक्रीमेंट हुआ है. 17 राज्यों के मतदाताओं ने 50 प्रतिशत से ज्यादा वोट दिए.

 

पीएम ने कहा कि 2019 का चुनाव मेरे लिए तीर्थयात्रा थी. मेरा भारत भ्रमण तीर्थ यात्रा की तरह था. पीएम ने बताया कि किसी ने मुझ से पूछा कि चैलेंजर कौन है. मैंने कहा- मोदी ही मोदी का चैंलेंजर है. मोदी ने मोदी को चैलेंज कर दिया और 2014 के रिकॉर्ड टूट गए.

पीएम मोदी ने सांसदों को मीडिया से दूर रहने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि आडवाणी जी कहा करते थे कि छपास और दिखास से दूर रहना चाहिए. मीडिया के नशे का शिकार होने से बचें. कभी कोई पूछे तो जब तक जानकारी न हो तब तक जवाब न दें. खबर बनने से बचें. पीएम ने सांसदों से कहा कि अहंकार से दूर रहें. भीतर का कार्यकर्ता जिंदा रहना चाहिए.

पीएम ने कहा कि गरीबों वाला छल अल्पसंख्यकों के साथ हुआ है. वोट बैंक की राजनीति में छलावा, एक काल्पनिक भय पैदा किया गया. 2019 में मैं आपसे आग्रह करूंगा कि हमें इस छल का भंडाफोड़ करना है. हमें विश्वास जीतना है. भारत के संविधान की शपथ लेने वाले हम सबका दायित्व बनता है कि सबको साथ लेकर चलें. डर भय जैसी काल्पनिक चीजों को दूर करना है. जो हमें वोट देते हैं वो भी हमारे हैं. जो हमरा विरोध करते हैं वो भी हमारे हैं. हमें चुप नहीं रहना है.