2004 को वो चुनाव जब नहीं चला भाजपा का ‘इंडिया शाइनिंग’ नारा, सोनिया के इंकार के बाद मनमोहन बने पीएम

साल 2004 के 14वें लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी का ‘इंडिया शाइनिंग’ का नारा असफल रहा और कांग्रेस सत्ता में लौटी। कांग्रेस की जीत भाजपा के लिए करारा झटका थी क्योंकि साल 1999 में जीत के बाद पहली बार भाजपा केंद्र में पांच साल सरकार चलाने में सफल रही थी। भारतीय जनता पार्टी ने जहां 1999 का चुनाव ‘विदेशी सोनिया’ बनाम ‘स्वदेशी वाजपेयी’ पर लड़ा था, वहीं 2004 के आम चुनाव में पार्टी ने शाइनिंग इंडिया और फील गुड का नारा दिया, लेकिन चुनाव नतीजे आने पर कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी और सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री बनने से इंकार कर दिया। कांग्रेस को मिलीं 145 सीटें और मनमोहन सिंह बने पीएम
इस चुनाव में कांग्रेस को 145 सीटें मिलीं। जबकि भाजपा के खाते में 138 सीटें आई। सीपीएम के खाते में 43 सीटें गई और सीपीआई 10 सीटें जीतने में कामयाब रही। बहुजन समाज पार्टी ने चुनाव में सबसे ज्यादा 435 उम्मीदवार खड़े किए थे। इनमें से 19 प्रत्याशियों ने ही जीत दर्ज की। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के 9 प्रत्याशी चुनाव जीते। कांग्रेस ने बसपा, सपा और लेफ्ट फ्रंट के सहयोग से सरकार बनाई। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के प्रधानमंत्री बनने पर इनकार करने के बाद, पूर्व वित्त मंत्री मनमोहन सिंह ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली।
इस लोकसभा चुनाव में कुल 5,435 उम्मीदवार मैदान में उतरे थे। इनमें से 2385 निर्दलीय प्रत्याशी थे। कांग्रेस ने चुनाव में 417 उम्मीदवार उतारे थे। इनमें से 145 जीते। इस चुनाव में कांग्रेस को 26.53 फीसदी और भारतीय जनता पार्टी को 22.16 फीसदी मत मिले। भाजपा ने चुनाव में 364 उम्म्मीदवार खड़े किए थे। इनमें से 138 प्रत्याशियों को ही जीत नसीब हुई।
लखनऊ से अटल और रायबरेली से सोनिया जीतीं चुनाव
लखनऊ सीट से अटल बिहारी वाजपेयी की जीत हुई। वाजपेयी ने सपा की मधु गुप्ता को चुनाव हराया। रायबरेली से सोनिया गांधी ने समाजवादी पार्टी के अशोक कुमार सिंह को भारी मतों से चुनाव हराया। जबकि, अमेठी से राहुल गांधी चुनाव जीते। चुनाव में पीलीभीत से भाजपा के टिकट पर मेनका गांधी जीती, गोरखपुर से योगी आदित्यनाथ सांसद चुन गए। मैनपुरी से समाजवादी पार्टी के मुलायम सिंह यादव ने बसपा के अशोक शाक्य को भारी मतों से चुनाव हराया। गुजरात की गांधीनगर सीट पर भाजपा के दिग्गज नेता लालकृष्ण आडवाणी ने कांग्रेस के जीएम ठाकोर को चुनाव हराया। महाराष्ट्र के बारामती में राकांपा के शरद पवार ने भाजपा प्रत्याशी को पराजित किया।

भाजपा-कांग्रेस को किन राज्यों में मिली कितनी सीटें?
कांग्रेस को चुनाव में यूपी से 9 सीटें और बिहार से तीन सीटें मिलीं। आन्ध्र प्रदेश में कांग्रेस ने 29 सीटें और गुजरात में 12 सीटें जीतीं। दिल्ली में कांग्रेस के खाते में छह सीटें आईं। जबकि महाराष्ट्र में पार्टी ने 13 सीटें जीतीं। इसी तरह, भाजपा ने यूपी में सिर्फ 10 सीटें जीतीं और बिहार में पार्टी के खाते में पांच सीटें आई। गुजरात में भारतीय जनता पार्टी ने 14 सीटें और राजस्थान में 21 सीटें जीतीं। भाजपा ने कर्नाटक में 18 सीटें और मध्यप्रदेश में 25 सीटें जीतीं।

अरुणाचल और असम में भाजपा ने दो सीटें और हरियाणा व हिमाचल में एक-एक सीट जीती। कांग्रेस ने असम में नौ सीटें और हिमाचल प्रदेश में तीन सीटें जीतीं। मध्य प्रदेश से कांग्रेस के खाते में सिर्फ चार सीटें गईं। पंजाब में पार्टी ने दो और उत्तराखंड से एक सीट जीती।