कांग्रेस को आड़े हाथ लेते हुए वित्त मंत्री अरूण जेटली ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विरूद्ध प्रियंका गांधी वाड्रा को नहीं उतारने के पार्टी के निर्णय से ”बुरी तरह निराश” हुए हैं क्योंकि इससे पहले लोकसभा चुनाव के दौरान इसको लेकर एक प्रकार का रोमांचक संशय बना दिया गया था।
मोदी इस बार भी वाराणसी से लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। इस बात को लेकर अटकलें थीं कि कांग्रेस उनके खिलाफ प्रियंका को उतार सकती है। बहरहाल, बृहस्पतिवार को कांग्रेस ने अजय राय का नाम लिया जो इस सीट पर पिछले लोकसभा में तीसरे स्थान पर रहे थे। मोदी के बाद 2014 में सबसे अधिक मत अरविन्द केजरीवाल को मिले थे। उन्होंने कहा कि पिछले दो सप्ताह से इस बात को उड़ाया जा रहा था कि प्रियंका को प्रधानमंत्री के सामने उतारा जाएगा। वह मीडिया को रोज खुशी खुशी यह कहकर बाइट दे रही थीं कि वह प्रधानमंत्री से मुकाबला करने को तैयार हैं।
जेटली ने ”वायनाड में शरण तथा वाराणसी की शरण से निकासी” शीर्षक से फेसबुक पर लिखी पोस्ट में यह बात कही है। उन्होंने कहा, जाहिरा तौर पर, वह मुकाबले से चुपचाप बाहर हो गयीं। प्रियंका को वाराणसी से नहीं उतारने के कांग्रेस के निर्णय से मैं बुरी तरह निराश हुआ हूं।
गांधी परिवार पर निशाना साधते हुए जेटली ने कहा कि ”प्रियंका के आने से सब बदल जाएगा”, वाले मिथक की हवा निकल गयी है।
वाराणसी की तुलना अमेठी एवं रायबरेली से करते हुए जेटली ने कहा, जनता की समीक्षा के लिए कार्ड्स (तथ्य) सामने आ गये हैं। गांधी परिवार को पिछले चालीस सालों में अमेठी एवं रायबरेली की दुर्दशा के बारे में आत्ममंथन करना चाहिए और इस बात की तुलना करनी चाहिए कि प्रधानमंत्री ने वाराणसी में पिछले पांच साल में क्या किया है।