लोकसभा चुनाव 2019 की तारीख (Lok Sabha Elections 2019 Date) के ऐलान के बाद राजनीति की सरगर्मी तेज हो गई है। लोकसभा चुनाव 2019 11 अप्रैल से शुरू हो रहे हैं और ये 19 मई तक चलेंगे, जबकि 23 मई को लोकसभा चुनाव 2019 के परिणाम 23 मई को आएंगे। इक्कीसवीं सदी में पैदा हुए भारतीयों के लिए आम चुनाव में मतदान करने का यह पहला अवसर होगा। एक जनवरी 2001 या उसके बाद पैदा हुए युवा मतदाता 17वीं लोकसभा के लिए आम चुनाव में पहली बार मतदान करेंगे। 1988 में हुए संविधान के 61वें संशोधन के बाद मतदान की आयु 21 से घटाकर 18 वर्ष कर दी गई।
आयु वर्ग के आधार पर दुनिया में विभिन्न पीढ़ियों का नामकरण किया जाता है। इसके अनुसार मिलेनियम जेनरेशन (शताब्दी पीढ़ी) का कालखंड 1982 से 2001 तक का निर्धारित किया गया है। इस कालखंड के आधार पर मिलेनियम जेनरेशन के मतदाताओं की संख्या करीब 40 करोड़ है। एक जनवरी 2001 के बाद पैदा हुए मतदाताओं की वास्तविक संख्या का कोई आधिकारिक आंकड़ा नहीं है।
चुनाव आयोग ने 2019 आम चुनाव के लिए मतदाता सूची में संशोधन का काम 26 दिसम्बर, 2018 को शुरू किया था, जो 25 जनवरी,2019 तक चला। अंतिम मतदाता सूची 22 फरवरी को प्रकाशित की गई। आयोग ने प्रयास किया है कि अधिक से अधिक नए मतदाताओं का नाम सूची में शामिल हो सके।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दोबारा जनादेश हासिल करने के लिए मिलेनियम जेनरेशन के मतदाताओं को रिझाने की पूरी कोशिश में हैं। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी इस मतदाता वर्ग पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। भाजपा ने तो पहली बार मतदान करने जा रहे नवमतदाताओं के लिए बकायदा अभियान भी चलाया है।
युवा मतदाताओं के लिए पार्टी ‘पहला वोट मोदी को’ अभियान चला रही है। पार्टी ने 18 से 22 आयुवर्ग वाले 13.3 करोड़ ऐसे वोटरों पर फोकस करने की रणनीति बनाई है, जो पहली बार वोट डालेंगे।
आजाद भारत में पैदा हुए लोगों को पहली बार मतदान करने का अवसर मार्च, 1971 में मिला था। 15 अगस्त,1947 या उसके बाद पैदा हुए मतदाताओं को पांचवीं लोकसभा के लिए मतदान करने का मौका मिला था। इन लोगों ने मतदान की आर्हता आयु 1968 में पूरी कर ली थी।