आगामी लोकसभा चुनावों के लिए पाटीदार नेता हार्दिक पटेल की मुश्किलें बढ़ गई हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, आरक्षण रैली में हिंसा के आरोपी हार्दिक की याचिका पर सुनवाई करने से गुजरात हाई कोर्ट ने मना कर दिया है। हाइकोर्ट से बरी नहीं होने के कारण वह मई में होने वाले लोकसभा चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। हार्दिक पटेल एक दिन पहले मंगलवार को ही कांग्रेस में शामिल हुए हैं। कार्यसमिति की बैठक के दौरान राहुल गांधी ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दी थी। मालूम हो कि गुजरात के महेसाणा जिले में एक आरक्षण रैली के दौरान हुई हिंसा और तत्कालीन स्थानीय भाजपा विधायक ऋषिकेश पटेल के कार्यालय पर हमला और तोड़फोड़ करने के आरोप में बीते 25 जुलाई को एक स्थानीय अदालत ने हार्दिक पटेल को दो साल के साधारण कारावास की सजा सुनाई थी।
नियम के मुताबिक ऐसे नेता जिन्हें दो साल या इससे अधिक की सजा मिली हो, वे सजा के दौरान चुनाव नहीं लड़ सकते। वकील रफीक लोखंडवाला ने गुजरात हाई कोर्ट से विसनगर की अदालत द्वारा दी गई सजा पर रोक लगाने का आग्रह किया था।