मुंबई: लोकपाल की मांग को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने कहा है कि अगर उनको कुछ होता है, तो लोग उसका जिम्मेदार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मानेंगे. लोकपाल एवं राज्यों में लोकायुक्त की नियुक्ति समेत अन्य मांगों को लेकर अन्ना हजारे का अहमदनगर जिले के रालेगन सिद्धि में भूख हड़ताल का रविवार को पांचवा दिन है.
महाराष्ट्र के अहमदनगर ज़िले में स्थित अपने गांव रालेगण सिद्धी में बीती 30 जनवरी को अन्ना हजारे ने भूख हड़ताल शुरू की थी.
समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए 81 वर्षीय अन्ना हजारे का कहना है, ‘मुझे लोग हमेशा स्थितियों से लड़ने वाले के रूप में याद करेंगे और मैंने कभी भी आग में घी डालने का काम नहीं किया है. मुझे कुछ होता है, तो लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जिम्मेदार ठहराएंगे.’
अन्ना का कहना है कि लोकपाल के अंतर्गत अगर लोग सबूत दें, तो प्रधानमंत्री की भी जांच हो सकती है, उसी प्रकार लोकायुक्त राज्यों के मुख्यमंत्री, मंत्री और विधायकों की जांच कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि इसलिए ये लोग लोकपाल और लोकायुक्त नहीं चाहते हैं. कोई भी पार्टी ऐसा नहीं चाहती है, जबकि लोकसभा ने 2013 में यह बिल पास किया था.
भूख हड़ताल शुरू करते हुए अन्ना ने कहा था कि यह हड़ताल तब तक जारी रहेगी जब तब सरकार सत्ता में आने से पहले किए गए अपने वादों जैसे लोकायुक्त क़ानून बनाने, लोकपाल नियुक्त किए जाने तथा किसानों के मुद्दे सुलझाने को पूरा नहीं कर देती.
मालूम हो कि साल 2011-12 में अन्ना हजारे के नेतृत्व में दिल्ली के रामलीला मैदान पर तत्कालीन संप्रग सरकार के ख़िलाफ़ बड़ा आंदोलन हुआ था.