दरअसल, अनुच्छेद-239 AA की व्याख्या से ही तय होता है कि दिल्ली में किसका राजकाज चलता है .इसकी व्याख्या यह तय करती है कि दिल्ली में प्रशासनिक अधिकार किसके पास रहते हैं .
संविधान के अनुच्छेद 239 और 239AA की व्याख्या को लेकर दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के बीच मतभेद था। 239 केंद्र शासित प्रदेशों के लिए है जिनमें उनके अधिकार एवं सीमाएं वर्णित हैं। दिल्ली के लिए विशेष तौर पर 239AA जोड़ा गया।
देश के सात केंद्र शासित प्रदेशों में से दिल्ली को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र कहा जाता है. 1991 में संविधान में 69वां संशोधन कर किया गया था, जिसके बाद अनुच्छेद 239AA और 239AB को लाया गया.
समझिए अनुच्छेद 239AA क्या है?
1. इसके तहत दिल्ली संघ राज्य क्षेत्र को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र कहा गया है और इसके प्रशासक उपराज्यपाल है.
2. दिल्ली की स्थिति अन्य राज्यों या केंद्र शासित क्षेत्र से अलग है.
3. केंद्र शासित क्षेत्र होते हुए भी दिल्ली की अपनी विधानसभा है, जहां अन्य राज्यों की तरह सुरक्षित सीटों का प्रावधान है. विधायकों का चुनाव सीधे जनता करती है.
4. दिल्ली के उपराज्यपाल के पास अन्य राज्यपालों की तुलना में अधिक शक्तियां हैं.
5. दूसरे राज्यों की तरह दिल्ली के पास पुलिस, कानून-व्यवस्था और भूमि संबंधी अधिकार नहीं हैं. वह इनसे जुड़े कानून नहीं बना सकती है.
ये तीनों अधिकार केंद्र सरकार के पास हैं.
6. केंद्र और दिल्ली की सरकार अगर किसी एक मुद्दे पर कानून बनाती है तो केंद्र का कानून क्षेत्र में लागू होगा.
7. अगर सरकार और उपराज्यपाल के बीच में कोई मतभेद होते हैं तो उपराज्यपाल राष्ट्रपति के पास मामला भेज सकते हैं.
8. इमरजेंसी की स्थिति में उपराज्यपाल फैसले ले सकते हैं.
9. दूसरे राज्यों की तरह दिल्ली में भी मुख्यमंत्री और मंत्रिमंडल का प्रावधान किया गया है, जो विधानसभा के लिए सामूहिक रूप से ज़िम्मेदार होते हैं.
10. दिल्ली में चुनाव कराने की ज़िम्मेदारी निर्वाचन आयोग के पास है.
11. निर्वाचित मुख्यमंत्री और मंत्रिमंडल को उपराज्यपाल पद और गोपनीयता की शपथ दिलाते हैं.
अब समझिए अनुच्छेद 239AB क्या है?
1. यह इमरजेंसी की स्थिति में लागू होता है.
2. अगर मंत्रिमंडल सरकार नहीं चला पा रहा है तो उपराज्यपाल राष्ट्रपति को इमरजेंसी लगाने की सिफारिश कर सकते हैं.
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