लखनऊ:(द दस्तक 24 न्यूज़) 03 जून 2025 महात्मा बुद्ध की करुणा, अहिंसा और समत्व की शिक्षाएं आज भी न केवल भारत, बल्कि विश्वभर में प्रासंगिक हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने बुद्धत्व के इन अमूल्य सिद्धांतों को जन-जन तक पहुँचाने और संरक्षित करने हेतु अनेक प्रभावशाली कदम उठाए हैं।
प्रदेश की राजधानी लखनऊ में स्थित बौद्ध विहार ‘शांति उपवन’ न केवल ध्यान और आत्मचिंतन का केन्द्र है, बल्कि यह शांति, सद्भाव और आध्यात्मिकता का प्रतीक भी बन चुका है। इसी परिसर में स्थापित अंतरराष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान (International Buddhist Research Institute) महात्मा बुद्ध की शिक्षाओं पर शोध का प्रमुख केन्द्र बन गया है, जहां देश-विदेश के विद्वान बौद्ध दर्शन के विविध पहलुओं पर गहन अध्ययन करते हैं।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में स्थित गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय, शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में राज्य का एक प्रमुख संस्थान है। यह विश्वविद्यालय न केवल आधुनिक ज्ञान के क्षेत्र में अग्रणी है, बल्कि बौद्ध विचारधारा से प्रेरित शैक्षणिक वातावरण भी प्रदान करता है। विश्वविद्यालय का नाम ही बुद्ध के जीवन और दर्शन को समर्पित है।
कुशीनगर, जो महात्मा बुद्ध की महापरिनिर्वाण स्थली है, आज वैश्विक बौद्ध मानचित्र पर और भी प्रासंगिक बन गया है। यहां उत्तर प्रदेश सरकार महात्मा बुद्ध विश्वविद्यालय की स्थापना कर रही है, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बौद्ध अध्ययन और शोध का केन्द्र बनने की दिशा में अग्रसर है। इस विश्वविद्यालय से न केवल भारतीय छात्रों को लाभ होगा, बल्कि बौद्ध धर्म में रुचि रखने वाले विदेशी छात्र भी आकर्षित होंगे।
इसके अतिरिक्त, कुशीनगर में महात्मा बुद्ध अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा भी अब पूरी तरह से संचालित है। यह एयरपोर्ट न केवल पर्यटन को बढ़ावा देगा, बल्कि बौद्ध तीर्थयात्रियों के लिए एक महत्वपूर्ण सुविधा भी है, जिससे श्रीलंका, थाईलैंड, जापान, म्यांमार जैसे देशों से आने वाले श्रद्धालुओं को सीधी पहुंच मिल सकेगी। उत्तर प्रदेश सरकार के ये प्रयास महात्मा बुद्ध की सार्वकालिक शिक्षाओं को जनमानस तक पहुँचाने की दिशा में ऐतिहासिक कदम हैं। यह पहल न केवल बौद्ध तीर्थाटन को प्रोत्साहित करेगी, बल्कि प्रदेश की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को भी समृद्ध करेगी।