इंग्लैंड के लिवरपूल शहर में प्रीमियर लीग की जीत का जश्न उस समय भयावह हादसे में तब्दील हो गया, जब एक तेज़ रफ्तार कार हजारों फैंस की भीड़ में घुस गई। इस दर्दनाक घटना ने पूरे शहर को हिला कर रख दिया। हादसे में करीब 50 लोग घायल हुए हैं, जिनमें से 27 की हालत गंभीर बताई जा रही है। सभी घायलों को नज़दीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
हादसे में चार बच्चे घायल, एक की हालत नाजुक
इस हादसे में घायल हुए लोगों में चार बच्चे भी शामिल हैं। पुलिस के अनुसार, एक बच्चे और एक वयस्क की हालत नाजुक बनी हुई है और उन्हें आईसीयू में विशेष निगरानी में रखा गया है। घटना स्थल से सामने आए वीडियो और तस्वीरों में अफरा-तफरी और डरावना मंजर साफ तौर पर देखा जा सकता है। सड़क पर बिखरे सामान, भागते हुए लोग, और मौके पर पहुंची पुलिस और एंबुलेंस की गाड़ियां, हर दृश्य भय और दहशत की कहानी कहता है। इन वीडियो और तस्वीरों ने सोशल मीडिया पर सनसनी फैला दी है, जो तेजी से वायरल हो रहे हैं।
53 वर्षीय स्थानीय नागरिक गिरफ्तार
ब्रिटिश पुलिस ने इस भीषण हादसे में शामिल संदिग्ध कार चालक को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी की पहचान 53 वर्षीय स्थानीय ब्रिटिश नागरिक के रूप में की गई है। प्रारंभिक जांच में पुलिस ने स्पष्ट किया है कि यह आतंकी हमला प्रतीत नहीं होता, लेकिन सोशल मीडिया पर इस घटना को लेकर आतंकी एंगल की अटकलें तेज़ी से फैल रही हैं। पुलिस ने आम जनता से अपील की है कि वे ग़ैर-आधिकारिक या अपुष्ट सूचनाओं पर भरोसा न करें और जांच पूरी होने तक संयम बनाए रखें।
मौत की पुष्टि नहीं, कई की हालत गंभीर
लिवरपूल सिटी काउंसिल और स्थानीय पुलिस विभाग ने अब तक किसी की मौत की पुष्टि नहीं की है, लेकिन कई घायलों की हालत गंभीर बनी हुई है। इस भयावह घटना के बाद शहर में सुरक्षा के इंतज़ाम कड़े कर दिए गए हैं और घटना की जांच गहन स्तर पर जारी है।
स्प्रिंग बैंक हॉलीडे होने के कारण ज्यादा भीड़
स्प्रिंग बैंक हॉलीडे होने के कारण शहर में पहले से ही भारी भीड़ थी। लिवरपूल फुटबॉल क्लब के प्रीमियर लीग खिताब जीतने के बाद टीम की ओपन-टॉप बस परेड को देखने के लिए हजारों प्रशंसक जमा हुए थे। जैसे ही जश्न अपने चरम पर था, एक बेहद तेज गति से आती कार भीड़ में घुस गई।
ब्रिटिश प्रधानमंत्री का बयान
ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने घटना को “भयावह” बताया और कहा कि उन्हें लगातार अपडेट दिया जा रहा है। वहीं, सोशल मीडिया पर फैल रही अफवाहों को शांत करने के लिए पुलिस ने ड्राइवर की पहचान तुरंत सार्वजनिक कर दी। मेट पुलिस के पूर्व अधिकारी दल बाबू ने भी पुष्टि की कि घटना का किसी धार्मिक चरमपंथ से कोई संबंध नहीं है।