लखनऊ:महाराणा प्रताप का व्यक्तित्व एवं कृतित्व जनमानस को देश और धर्म हेतु बलिदान के लिए प्रेरित करता- मुख्यमंत्री 

लखनऊ:(द दस्तक 24 न्यूज़) 09 मई 2025 उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि आज भारत माता के महान सपूत राष्ट्रनायक महाराणा प्रताप की पावन जयन्ती है। महाराणा प्रताप को उनकी वीरता और देश भक्ति के लिए पूरे देश में अत्यन्त गर्व एवं सम्मान के साथ याद किया जाता है। महाराणा प्रताप का व्यक्तित्व एवं कृतित्व जनमानस को देश और धर्म हेतु बलिदान के लिए प्रेरित करता है। देश की वर्तमान चुनौतीपूर्ण स्थिति में राष्ट्रनायक महाराणा प्रताप, छत्रपति शिवाजी महाराज, गुरु गोबिन्द सिंह महाराज जैसे राष्ट्रनायकों का स्मरण हर भारतवासी के लिए एक प्रेरणा है। मुख्यमंत्री जी ने भरोसा जताया कि यह प्रेरणा वर्तमान एवं भावी पीढ़ी के लिए पाथेय बना रहेगा।

मुख्यमंत्री जी आज यहां महाराणा प्रताप चौराहे के सौन्दर्यीकरण कार्यों का लोकार्पण करने के उपरान्त आयोजित कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। लोकार्पित कार्यां में महाराणा प्रताप स्थल का नवीनीकरण, छत्र निर्माण एवं नवनिर्मित महाराणा प्रताप स्मृति द्वार शामिल है। मुख्यमंत्री जी ने महाराणा प्रताप की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। 

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि 09 मई, 1540 को राजस्थान की वीर भूमि में महाराणा प्रताप का जन्म हुआ था। मात्र 27 वर्ष की उम्र में उन्होंने पहला युद्ध लड़ा था। उस समय मेवाड़ के ज्यादातर दुर्ग या किलां पर अकबर ने या तो कब्जा कर लिया था या उन्हें अत्यन्त कमजोर बना दिया था। महाराणा प्रताप ने विधर्मियों के सामने देश की आन-बान-शान को न डिगने देने के संकल्प के साथ समाज के अंतिम पायदान पर स्थित भील, मीणा, वनवासियों, गिरवासियों सहित समाज के प्रत्येक तबके को जोड़ करके सन् 1576 में हल्दीघाटी की ऐतिहासिक लड़ाई लड़ी। इस लड़ाई के उपरान्त उन्होंने उस कालखण्ड में जो भी युद्ध लड़े, सभी में विजय प्राप्त करते हुए अकबर को पराजित किया तथा अपने सभी दुर्ग व किलोंं को वापस प्राप्त कर भारत की आन-बान-शान की रक्षा की थी।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इसके लिए महाराणा प्रताप को लम्बे समय तक जंगलों में दर-दर की ठोकर तथा घास की रोटी खाने के लिए मजबूर होना पड़ा था। महाराणा के लिए यह समय अपनी सैन्य शक्ति को मजबूत बनाने का था। उन्होंने इस कार्य को प्रखरता के साथ किया। भामाशाह जैसे दानवीर उन्हें प्राप्त हुए। उस समय इन्होंने भील, मीणा आदि को अपने साथ जोड़कर सामाजिक संरचना को इतना मजबूत बनाया कि अन्ततः अकबर की लाखों की सेना महाराणा प्रताप की सेना के सामने नाकों चने चबाने के लिए मजबूर हो गई। हिन्दू सूर्य के रूप में महाराणा प्रताप की जय-जयकार उत्तर से दक्षिण तक पूरे देश में छा गई।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज भी जब देश संकट के दौर से गुजरता है, राष्ट्र के सामने किसी प्रकार की चुनौती आती है, तो महाराणा प्रताप, छत्रपति शिवाजी महाराज तथा गुरु गोबिंद सिंह जी का हर भारतवासी स्मरण करता है। हर भारतवासी उन सभी राष्ट्रनायकों का स्मरण करता है, जिनके त्याग व बलिदान से इस राष्ट्र को एक नई संजीवनी मिली है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि 22 अप्रैल, 2025 को पाकिस्तानी आतंकवादियों ने पहलगाम में हमारे पर्यटकों के साथ बर्बरतापूर्ण कृत्य किया था। उस आतंकी कृत्य की सभी भारतवासियों ने निंदा की थी तथा पाकिस्तान को सबक सिखाने की ठानी थी। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के संकल्प के अनुसार तीनों सेनाआें के बहादुर जवान पाकिस्तान को इसका करारा जवाब दे रहे हैं। आज अलग-थलग पड़ा हुआ पाकिस्तान दुनिया के सामने कराहता हुआ नजर आ रहा है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आपने पाकिस्तान की बेशर्मी का चरित्र देखा है। जब भारत की कार्यवाही से आतंकवादी मारे गए, तब आतंकवादियों के जनाजे में पाकिस्तान के शीर्ष सैन्य अधिकारियों और राजनेताओं की उपस्थिति थी। यह दुनिया के राजनीतिज्ञों की आंखों को खोलने वाला होना चाहिए। पाकिस्तान आतंकवाद को प्रश्रय ही नहीं देता, बल्कि आतंकी गतिविधियों में सीधे-सीधे लिप्त है। आतंकी गतिविधियों में संलिप्तता के कारण पाकिस्तान अपने वजूद के लिए जूझता हुआ दिखाई देगा।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हर भारतवासी का दायित्व बनता है कि इस समय हम भारत की सेना के मनोबल को बनाए रखें। देश की सुरक्षा के साथ कोई भी शरारती तत्व किसी भी प्रकार की शरारत करता है, तो पूरी सतर्कता एवं सजगता के साथ हम सभी को सुरक्षा बलों के साथ खड़ा होना है। इस समय विभिन्न शरारती तत्वों द्वारा सोशल मीडिया के माध्यम से अफवाह फैलाने का कार्य भी किया जाएगा। किसी भी प्रकार की शरारतपूर्ण कार्रवाई को, जो सुरक्षा में सेंध लगाती हो, उसे बेनकाब भी करना है। 

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इस समय प्रधानमंत्री जी की तरफ से किसी भी प्रकार का मार्गदर्शन प्राप्त होने पर उसी के अनुसार कार्य करना है। भारत हर हाल में विजयी है और विजयी रहेगा। इसमें कोई भी संदेह नहीं होना चाहिए। हर भारतवासी इस चुनौतीपूर्ण समय में भारतीय सैनिकों एवं सैन्य अधिकारियों के साथ कदम से कदम मिलाकर सहयोग करने के लिए तत्पर है। 

मुख्यमंत्री जी ने विधानसभा सदस्य श्री राकेश प्रताप सिंह जी को इस चौराहे के सौन्दर्यीकरण के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि श्री सिंह ने यह संकल्प लिया है कि महाराणा प्रताप की प्रतिमा की गरिमा, गौरव तथा सम्मान के साथ रख-रखाव की व्यवस्था की जा सके। मुख्यमंत्री जी ने विधान परिषद के सदस्य श्री मानवेन्द्र सिंह जी को भी अपनी विधायक निधि से महाराणा प्रताप स्मृति द्वार हेतु धनराशि देने के लिए धन्यवाद दिया।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इस चौराहे पर महाराणा प्रताप की मूर्ति की स्थापना का प्रस्ताव स्वयं उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री बाबू जी श्री कल्याण सिंह जी को दिया था। उस समय संस्कृति विभाग से महाराणा प्रताप की तीन मूर्तियां, एक लखनऊ के इस चौराहे के लिए, दूसरी गोरखपुर के लिए तथा तीसरी प्रयागराज के लिए मांगी गई थी। तत्कालीन संस्कृति मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह गौर ने इन तीनों मूर्तियों के लिए सहमति प्रदान की। उस समय महाराणा प्रताप की इस मूर्ति की स्थापना कार्यक्रम में वह (मुख्यमंत्री जी) स्वयं उपस्थित थे। यह कार्यक्रम पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय कल्याण सिंह जी के कर-कमलों से सम्पन्न हुआ था। गोरखपुर में महाराणा प्रताप की भव्य प्रतिमा की स्थापना वर्तमान रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह के कर-कमलों से हुई थी। 

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इस चौराहे को आगे से महाराणा प्रताप चौराहे के रूप में जाना जाएगा। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि देश की बहादुर सेना के मनोबल को बढ़ाने के लिए हर प्रदेशवासी प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में पूरी मजबूती के साथ खड़ा होगा। साथ ही, देश की सेना की हर कार्रवाई जो देश की रक्षा के लिए की जा रही है, उसमें पूरा प्रदेश मजबूती के साथ अपना योगदान देता रहेगा।

कार्यक्रम को विधायक श्री राकेश प्रताप सिंह ने भी सम्बोधित किया। कार्यक्रम के अन्त में राज्यसभा सदस्य श्री ब्रजलाल ने आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर विधान परिषद के सभापति श्री कुंवर मानवेन्द्र सिंह, वित्त मंत्री श्री सुरेश कुमार खन्ना, जल शक्ति मंत्री श्री स्वतंत्र देव सिंह, एम0एस0एम0ई0 मंत्री श्री राकेश सचान, परिवहन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री दयाशंकर सिंह सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण एवं शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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