57वीं सीनियर राष्ट्रीय खो खो चैंपियनशिप ने सर्वकालिक सर्वाधिक हिस्सेदारी के साथ नया कीर्तिमान स्थापित किया है। यह एक एक्सक्लूसिव मैट इवेंट रहा, जिसका जोर टेक्नोलॉजी संचालित आविष्कार पर रहा, जिसने इसे राष्ट्रीय टूर्नामेंटों के बीच एक उत्कृष्ट संस्करण बना दिया।भारतीय खो खो संघ के अध्यक्ष सुधांशु मित्तल ने कहा, ’40 पुरुष और 40 महिला टीमों ने प्रतिस्पर्धा करके खो खो नेशनल्स के इतिहास में सबसे ज्यादा टीमों के हिस्सा लेने का रिकॉर्ड स्थापित किया। ओडिशा ने पहला राज्य होने का श्रेय लिया, जहां नेशनल के सभी तय मुकाबले विशेषकर मैट पर खेले जाएंगे।’
उल्लेखनीय है कि फैसला समीक्षा प्रणाली (डीआरएस) को पहली बार खो खो नेशनल्स में लागू किया गया। डीआरएस का उपयोग क्वार्टर फाइनल्स, सेमीफाइनल्स और फाइनल्स में किया जाएगा। साथ ही मैचों का प्रारूप खो खो वर्ल्ड कप 2025 के समान रखा गया है। 5 दिवसीय चैंपियनशिप की शुरूआत 31 मार्च को हुई, जिसका समापन 4 अप्रैल को डिस्ट्रिक्टि स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में होगा। इसमें 30 राज्यों की टीम के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा देखने को मिलेगी।
इसके अलावा प्रमुख संस्थागत टीमें जैसे एयरपोर्ट्स आथोरिटी ऑफ इंडिया (एएआई), महाराष्ट्र पुलिस, सहस्त्र सीमा बल (एसएसबी), कर्नाटक पुलिस, अखिल भारतीय पुलिस स्पोर्ट्स कंट्रोल बोर्ड (एआईपीएससीबी), इंडो-तिबतन बॉर्डर पुलिस (आईटीबीपी) और रेलवेज ने भी इसमें हिस्सा लिया। इस समारोह का टीवी प्रसारण डीडी स्पोर्ट्स पर होगा।
मित्तल ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘पहली बार, क्वार्टर फाइनल में पहुंचने वाली आठ टीमों को सम्मानित किया जाएगा।’ प्रेस कांफ्रेंस में केकेएफआई के महासचिव एमएस त्यागी, ओडिशा खो खो संघ के सचिव प्रद्यूमन मिश्रा, पुरी के पूर्व विधायक जयंत कुमार सारंगी और अन्य सम्मानितगण उपस्थित थे।
कुल 190 मैचों के साथ – जिसमें 160 लीग और 30 नॉकआउट खेल शामिल हैं – यह चैंपियनशिप विशेष महत्व रखती है क्योंकि यह जनवरी में नई दिल्ली में आयोजित खो-खो विश्व कप 2025 के बाद पहला प्रमुख राष्ट्रीय आयोजन है। इस वैश्विक टूर्नामेंट में छह महाद्वीपों के 23 देशों की 39 टीमों ने भाग लिया, जहां भारत ने पुरुष और महिला दोनों वर्गों में जीत हासिल करके अपना दबदबा कायम किया।