लखनऊ:(द दस्तक 24 न्यूज़) 03 मई, 2025 उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने राजस्व वादों के समयबद्ध निस्तारण और भूमि अभिलेखों के डिजिटलीकरण को सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखते हुए स्पष्ट निर्देश दिए कि इन कार्यों को प्रत्येक स्तर पर तीव्र गति से पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि भूमि सम्बन्धी विवादों का शीघ्र समाधान न केवल जनविश्वास, बल्कि राज्य में निवेश और विकास के लिए भी आवश्यक है, वहीं लैण्ड रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण पारदर्शी, भ्रष्टाचार-मुक्त और उत्तरदायी शासन प्रणाली की नींव है। राजस्व विभाग जनविश्वास का आधार है और उसकी कार्य संस्कृति जनकेंद्रित, तकनीकी रूप से दक्ष और संवेदनशील होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री जी आज यहां अपने सरकारी आवास पर आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में राजस्व विभाग के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। मुख्यमंत्री जी ने निर्देशित किया कि शेष भू-अभिलेखों का डिजिटलीकरण शीघ्र पूर्ण किया जाए और शहरी क्षेत्रों का लैण्ड रिकॉर्ड तैयार कर उसे प्राथमिकता से ऑनलाइन पोर्टल पर सार्वजनिक किया जाए। उन्होंने राजस्व परिषद के पोर्टल की रीडिजाइनिंग की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि यह अधिक उपयोगकर्ता अनुकूल और परिणाममूलक होना चाहिए। उन्होंने लेखपाल से लेकर आयुक्त स्तर तक एकीकृत डैशबोर्ड विकसित करने के निर्देश दिये, ताकि विभागीय निगरानी सरल हो सके और आमजन को सीधा लाभ मिले। प्राधिकरणों के लैण्डयूज डेटा को खतौनी पर प्रदर्शित किया जाए और धारा 80 के अन्तर्गत भू-उपयोग परिवर्तन प्रक्रिया को सरल व पारदर्शी बनाया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने नामान्तरण वादों को पूर्णतः ऑटोमेट किए जाने की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए कहा कि इससे नागरिकों को सुगमता और समयबद्ध न्याय प्राप्त होगा। उन्होंने चकबंदी प्रक्रिया में तकनीकी हस्तक्षेप और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। साथ ही, सावधान किया कि चकबंदी की जटिलताओं के कारण गम्भीर सामाजिक विवाद जन्म ले सकते हैं, अतः इसे अत्यंत संवेदनशीलता से निपटाया जाए।
मुख्यमंत्री ने निर्देशित किया कि अविवादित वरासत के मामलों का निस्तारण अधिकतम 15 कार्यदिवस के भीतर किया जाए। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि रियल टाइम खतौनी, आधार सीडिंग, किसान रजिस्ट्री, पैमाइश और खसरा पड़ताल से जुड़े सभी लम्बित प्रकरणों का समाधान तय समय सीमा में अनिवार्य रूप से किया जाए। इसके लिए आवश्यकतानुसार अतिरिक्त मानव संसाधन की व्यवस्था की जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि विभाग द्वारा प्रस्तुत जानकारी के अनुसार, विगत वर्ष में ही 36 लाख से अधिक जाति, निवास एवं आय प्रमाण पत्र निर्गत किए गए, जिनमें से 85 प्रतिशत आवेदन सात कार्यदिवसों के भीतर ऑनलाइन निस्तारित हुए। उन्होंने इस प्रगति को सराहनीय बताते हुए सेवा वितरण को और अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाए जाने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री जी ने प्राकृतिक आपदा की स्थिति में त्वरित सहायता के लिए विभाग की सराहना करते हुए कहा कि वर्ष 2023-24 में 3.5 लाख से अधिक प्रभावित परिवारों को डी0बी0टी0 के माध्यम से सहायता राशि उपलब्ध कराई गई है। उन्होंने निर्देशित किया कि मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के सभी लंबित आवेदन अगले 10 कार्यदिवसों में पूर्ण रूप से निस्तारित किए जाएं।