रायबरेली में एंटी करप्शन की टीम ने घूसखोर दरोगा को धरदबोचा



रायबरेली में एंटी करप्शन टीम की कार्रवाई के तहत सालोन थाने में तैनात दारोगा बाबू खान को 10 हजार रुपए की घूस लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया। यह घटना एक बार फिर पुलिस विभाग में फैले भ्रष्टाचार की पोल खोलती है और आम जनता के मन में यह सवाल उठाती है कि क्या उन्हें न्याय मिलने की उम्मीद करनी चाहिए या नहीं।


एंटी करप्शन टीम को दारोगा बाबू खान के बारे में एक गोपनीय सूचना मिली कि वह लोगों से रिश्वत लेकर उनके मामलों को रफा-दफा करता है। इसके बाद टीम ने उसके खिलाफ जांच शुरू की और उसे पकड़ने के लिए एक ट्रैप (जाल लगाया। एक शिकायतकर्ता ने दारोगा को 10 हजार रुपए की रिश्वत दी, जिसे लेते ही एंटी करप्शन टीम ने उसे रंगे हाथों पकड़ लिया। इस दौरान पूरी घटना की वीडियो रिकॉर्डिंग भी की गई, ताकि बाद में उसके खिलाफ सबूत के तौर पर इस्तेमाल किया जा सके।


दारोगा पर लगाए गए आरोप हैं

दारोगा बाबू खान पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 7 और 13(2) के साथ 13(1)(d) (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) के तहत मामला दर्ज किया गया है। अगर वह दोषी पाया जाता है, तो उसे 7 साल तक की सजा हो सकती है।

क्षेत्राधिकार सलोन प्रदीप कुमार ने
इस मामले पर कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ शून्य सहनशीलता की नीति है। कोई भी अधिकारी या कर्मचारी अगर गलत काम करते पकड़ा जाता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। और सब इंस्पेक्टर बाबू खान क्वालिटी करप्शन ने आज पड़ा है किसी ने गुप्त रूप से शिकायत की थी।

वही इस मामले पर स्थानीय लोगों का कहना है कि यह कोई नई बात नहीं है, पुलिस थानों में रिश्वतखोरी आम बात है। कई लोगों ने एंटी करप्शन टीम की इस कार्रवाई की सराहना की है, लेकिन साथ ही यह भी मांग की है कि ऐसे और भी अधिकारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए।

Leave a Comment