दिल्ली चुनाव: आप की निगाहें हैट्रिक पर! बीजेपी 27 साल से सत्ता की प्यासी ?

दिल्ली में एक बार फिर लोकतंत्र का महासंग्राम शुरू हो गया है। 5 फरवरी को सभी 70 विधानसभा सीटों पर मतदान होगा और 8 फरवरी को मतगणना के बाद यह तय हो जाएगा कि दिल्ली की सत्ता किसके हाथ में जाएगी। चुनावी जंग में आम आदमी पार्टी (AAP), भारतीय जनता पार्टी (BJP) और कांग्रेस (Congress) तीनों दल आमने-सामने हैं। AAP, जो पिछले दो चुनावों में जबरदस्त जीत दर्ज कर चुकी है, इस बार भी अपनी सत्ता बरकरार रखने की कोशिश करेगी, जबकि बीजेपी और कांग्रेस उसे कड़ी टक्कर देने को तैयार हैं।

दिल्ली की चुनावी जंग: कौन मारेगा बाजी?

2015 में AAP ने 67 सीटों पर कब्जा जमाया था, जबकि 2020 में 62 सीटें जीतकर सत्ता बरकरार रखी। बीजेपी ने 8 सीटें जीती थीं और कांग्रेस का खाता भी नहीं खुला था। इस बार क्या बदलेगा? क्या बीजेपी की 27 साल की सत्ता की प्यास खत्म होगी या AAP की पकड़ और मजबूत होगी?

चुनाव प्रक्रिया और सुरक्षा इंतजाम

करीब 1.56 करोड़ मतदाता इस बार अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे, जिनके लिए 13,766 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। 220 अर्धसैनिक बलों की कंपनियां, 19,000 होम गार्ड, और 35,626 दिल्ली पुलिस कर्मी सुरक्षा में तैनात रहेंगे। विकलांग मतदाताओं के लिए 733 विशेष मतदान केंद्र बनाए गए हैं।

एग्जिट पोल पर रोक

चुनाव आयोग ने 5 फरवरी को सुबह 7 बजे से शाम 6:30 बजे तक किसी भी एग्जिट पोल के प्रसारण या प्रकाशन पर रोक लगा दी है।

सिर्फ दिल्ली ही नहीं, इन राज्यों में भी चुनाव

दिल्ली के अलावा उत्तर प्रदेश की मिल्कीपुर सीट और तमिलनाडु की इरोड (पूर्व) सीट पर भी उपचुनाव होने वाले हैं।

अब सबकी निगाहें 8 फरवरी पर हैं, जब दिल्ली की नई सरकार का फैसला होगा। क्या केजरीवाल की AAP तीसरी बार सत्ता में लौटेगी या बीजेपी और कांग्रेस कोई चमत्कार करेंगी? यह देखना दिलचस्प होगा!