उत्तर प्रदेश पिछड़ा वर्ग राज्य आयोग के अध्यक्ष राजेश वर्मा ने सोमवार को इंदिरा भवन स्थित आयोग कार्यालय में विभिन्न जनपदों से प्राप्त शिकायतों पर सुनवाई की। इस दौरान कई महत्वपूर्ण मामलों पर निर्णय लिया गया और संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए गए। ममता यादव की शिकायत पर सुनवाई हुई, जिनकी पुत्री स्वर्गीय अलका यादव, प्राथमिक विद्यालय काकोरी में सहायक अध्यापिका थीं और कोविड काल में उनकी मृत्यु हो गई थी। सातवें वेतन आयोग के एरियर की दूसरी किस्त छह वर्ष बीतने के बावजूद जारी नहीं की गई। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी की अनुपस्थिति पर नाराजगी व्यक्त करते हुए उच्च अधिकारियों को कार्रवाई के लिए निर्देशित किया गया। शिव कुमार के मामले में उपजिलाधिकारी और अन्य अधिकारियों की अनुपस्थिति को गंभीरता से लेते हुए उनके विरुद्ध कार्रवाई के निर्देश दिए गए। गृह विभाग को भी इस संबंध में लिखा जाएगा। रेखा देवी के जाति प्रमाण पत्र जारी करने में देरी के मामले में सुनवाई हुई। उपजिलाधिकारी सीतापुर ने दो वर्षों बाद प्रमाण पत्र जारी किया। लेखपाल गुफरान की जिम्मेदारी तय करते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए गए। रामजी के पुत्र को दिव्यांग प्रमाण पत्र जारी करने में देरी के मामले में सुनवाई हुई। मुख्य चिकित्साधिकारी ने कार्रवाई करते हुए संबंधित सहायक को कार्य से हटा दिया। प्रकरण निस्तारित कर दिया गया। दीपक कुमार ने बागपत पुलिस द्वारा फर्जी मुकदमे में फंसाने की शिकायत की। आयोग ने पुलिस अधीक्षक, बागपत को निष्पक्ष जांच के निर्देश दिए। जांच दूसरे क्षेत्राधिकारी को सौंप दी गई। लाखन सिंह के मामले में उपजिलाधिकारी, महमूदाबाद ने बताया कि अवैध कब्जा हटा दिया गया है। प्रकरण निस्तारित कर दिया गया। सुनवाई के दौरान अनुपस्थित अधिकारियों पर नाराजगी व्यक्त करते हुए अध्यक्ष ने सभी संबंधित विभागों को स्पष्ट निर्देश दिए कि शिकायतों का समय पर निस्तारण सुनिश्चित किया जाए।
द दस्तक 24
प्रभारी पत्रकार तहसील कोरांव प्रयागराज उमाशंकर कुशवाहा 7571974858