बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने केंद्र सरकार की ओर से वन नेशन-वन इलेक्शन विधेयक पेश करने का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि एक साथ चुनाव होने से बसपा पर कम बोझ पड़ेगा। जल्दी चुनाव आचार संहिता न लगने से जनहित के कार्य भी ज्यादा नहीं प्रभावित होंगे। इस मुद्दे की आड़ में राजनीति करना ठीक नहीं है। सभी पार्टियों को दलगत राजनीति से ऊपर उठकर देश व जनहित में कार्य करना चाहिए। उन्होंने रविवार को जारी बयान में कहा कि संसद में संविधान को लेकर विशेष चर्चा में कांग्रेस और भाजपा के बीच घिसे-पिटे पुराने आरोप-प्रत्यारोप और हम से ज्यादा तुम दोषी जैसी संकीर्ण राजनीति का स्वार्थ ज्यादा दिख रहा है। संविधान और उसके रचयिता डॉ. भीमराव आंबेडकर को सम्मान देने के मामले में सत्तारूढ़ पार्टियों ने अपनी संकीर्ण सोच व जातिवादी राजनीति से इसे फेल करने का काम किया है। यह स्थिति देश के लिए दुखद और लोगों के भविष्य के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है।