सदन में मुसलमानों को लेकर क्या दावा कर गए अखिलेश यादव? बढ़ी सियासी हलचल

समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शुक्रवार (13 दिसंबर) को सरकार पर संविधान के धर्मनिरपेक्ष मूल्यों का हनन करने का आरोप लगाया और दावा किया कि देश के अल्पसंख्यकों विशेषकर मुसलमानों को दूसरे दर्जे का नागरिक बनाने का प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने लोकसभा में ‘भारत के संविधान की 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा’ पर चर्चा में भाग लेते हुए यह भी कहा कि यदि यह सरकार जाति जनगणना नहीं कराती है तो विपक्ष में बैठे लोग सत्ता में आए तो इसे जरूर कराएंगे.

अखिलेश यादव ने कहा कि संविधान कहता है कि सरकार की नजर में सभी समान हैं. उन्होंने दावा किया, ‘‘देश के अल्पसंख्यकों और विशेषकर मुसलमानों को दूसरे दर्जे का नागरिक बनाने का प्रयास हो रहा है, उन पर हमला किया जा रहा है, संपत्ति को नुकसान पहुंचाया जा रहा है.’’ यादव ने कहा, ‘‘अब तो उपासना करने पर भी दिक्कत है क्योंकि हर मस्जिद के नीचे मंदिर खोजने वाले तत्व इस देश को शांति से रहने देना ही नहीं चाहते. उन्हें कानून की कोई परवाह नहीं है. मैं उच्चतम न्यायालय का धन्यवाद करना चाहता हूं कि कम से कम एक फैसला आया जिससे इन पर कुछ दिनों के लिए रोक लगाई गई है.’’

सपा नेता ने दावा किया कि उत्तर प्रदेश में कई जगहों पर इस तरह की घटनाएं जानबूझकर की गईं और विधानसभा उपचुनाव के समय लोगों को मतदान से रोका गया. उन्होंने संविधान पर चर्चा के दौरान सदन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गैरमौजूदगी को लेकर कटाक्ष किया, ‘‘यह कैसी चर्चा है संविधान की, जो है बिना प्रधान की.’’ यादव ने कहा कि संविधान ने ही विविधताओं से भरे इस देश को एक सूत्र में बांधकर रखा है. उनका कहना था कि संविधान 90 प्रतिशत पीड़ित और शोषित जनता का सबसे बड़ा संरक्षक है. यादव ने कहा कि ‘पीडीए’ (पिछड़ा, दलित अल्पसंख्यक) के लिए संविधान जीवन और मरण का विषय है.

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने राज्य की कानून-व्यवस्था का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘जो हालात देश में है, ऐसे पहले कभी किसी ने नहीं देखे. कानून की समय-समय पर धज्जियां उड़ रही हैं. और हमारा प्रदेश हिरासत में मौत के मामले में, महिलाओं के उत्पीड़न के मामले में सबसे आगे जा रहा है.’’यादव ने दावा किया कि साइबर अपराध में सबसे आगे उत्तर प्रदेश है.

उन्होंने सेना में भर्ती की ‘अग्निपथ’ योजना का विरोध करते हुए कहा, ‘‘हम लोग अग्निवीर वाली व्यवस्था कभी स्वीकार नहीं कर सकते हैं. अगर पहले जैसे भर्ती होती थी वैसे ही भर्ती होगी तो हमारी सीमाएं और सुरक्षित होंगी.’’यादव ने आरोप लगाया कि देश में ऐसा माहौल है कि उद्योगपति भारत छोड़कर जा रहे हैं.

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