प्रयागराज-विकसित भारत की ओर एक परिकल्पित मार्गदर्शन“ के समापन समारोह में उत्तर प्रदेश के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के प्रमुख सचिव, पंधारी यादव ने मुख्य अतिथि के रूप में संबोधन किया।

लखनऊ में आयोजित प्रतिष्ठित राष्ट्रीय संगोष्ठी “सतत भविष्य के लिए रिमोट सेंसिंगः विकसित भारत की ओर एक परिकल्पित मार्गदर्शन“ के समापन समारोह में उत्तर प्रदेश के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के प्रमुख सचिव, पंधारी यादव ने मुख्य अतिथि के रूप में संबोधन किया।

प्रमुख सचिव श्री यादव ने रिमोट सेंसिंग और आधुनिक तकनीकों की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि “हमारी प्राथमिकता प्रौद्योगिकी को जमीनी स्तर पर क्रियान्वित करना है। इसके लिए वैज्ञानिकों और प्रशासनिक तंत्र के बीच समन्वय को और सुदृढ़ करने की आवश्यकता है। यह न केवल निर्णय समर्थन प्रणाली को मजबूत बनाएगा, बल्कि राजस्व, वन और भूमि प्रबंधन जैसे महत्वपूर्ण विभागों को भी प्रोत्साहित करेगा।“

उन्होंने कहा कि “सशक्त भारत का निर्माण, समाज के समग्र सशक्तीकरण के बिना असंभव है।“ यादव ने इस संगोष्ठी में उपस्थित सभी विद्वानों, अधिकारियों, और प्रतिभागियों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि “भारत तकनीकी नवाचारों और अनुसंधान में अग्रणी बनने की ओर उन्मुख है, क्योंकि हमारे देशवासी स्वाभाविक रूप से प्रौद्योगिकी के प्रति उत्साही और नवाचार समर्थक हैं।“

इस अवसर पर विभिन्न श्रेणियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले प्रतिभागियों को सम्मानित किया गया। ओरल प्रेजेंटेशन (छात्र) श्रेणी में पवन कुमार ठाकुर, आदिति गोयल, और भवनीत गुलाटी, जबकि पोस्टर प्रेजेंटेशन (छात्र) श्रेणी में सोनी बोरा, रश्मि मलिक, और कृति वाजपेयी को पुरस्कृत किया गया। ओरल प्रेजेंटेशन (प्रतिनिधि) श्रेणी में रवींद्र कुमार नायक, पी.आर. बेहड़ा, और एस.एस. साहू, तथा पोस्टर प्रेजेंटेशन (प्रतिनिधि) श्रेणी में मीनाक्षी कुमार, देबब्रत मिश्रा, और डॉ. शशांक त्रिपाठी को सम्मानित किया गया। इन पुरस्कारों ने प्रतिभागियों के योगदान और नवाचार को मान्यता दी।

यह संगोष्ठी, अपने आप में, सतत विकास के लिए रिमोट सेंसिंग की असीम संभावनाओं का सटीक खाका प्रस्तुत करने वाला एक मंच सिद्ध हुई। इस दौरान उभरती प्रौद्योगिकियों, डेटा इंटीग्रेशन, और नीति निर्माण में उनकी भूमिका पर विस्तृत मंथन हुआ। समारोह में विशेषज्ञ वक्ताओं और शोधकर्ताओं ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोगों को शासन में सुगमता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने का एक महत्वपूर्ण साधन बताया। कार्यक्रम के समापन पर यह संकल्प लिया गया कि ऐसे नवाचार और तकनीकी सहयोग भविष्य में “विकसित भारत“ के विजन को साकार करने में एक निर्णायक भूमिका निभाएंगे।

कार्यक्रम में ए.के. अग्रवाल (पूर्व निदेशक, आरएसएसी-यू.पी. एवं अध्यक्ष आईएसआरएस-लखनऊ चैप्टर), डॉ. एस.पी. अग्रवाल (अध्यक्ष, आईएसआरएस एवं निदेशक, एनईएसएसी, शिलांग), डॉ प्रवीण के ठाकुर (सचिव, आईएसआरएस), डॉ. अनुज कुमार शर्मा (एसोसिएट डीन, इनोवेशन एंड सोशल एंटरप्रेन्योरशिप, एकेटीयू, लखनऊ) और डॉ. एम.एस. यादव (वैज्ञानिक – ’एसई’ और प्रमुख, एसआरडी, आरएसएसी-यूपी और सचिव आईएसआरएस-लखनऊ चैप्टर) जैसी गणमान्य हस्तियों की उपस्थिति ने इसे और अधिक गरिमामय बनाया।

द दस्तक 24
प्रभारी पत्रकार तहसील कोरांव प्रयागराज उमाशंकर कुशवाहा 7571974858

Leave a Comment