रायबरेली : कार्यवाहक जिला अध्यक्ष पंकज तिवारी की अध्यक्षा मे संपन्न हुई कांग्रेस कमेटी की बैठक



14 दिसम्बर भाजपा के कुशासन के खिलाफ उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी 18 दिसम्बर 2024 की प्रदेश की राजधानी लखनऊ में विधानसभा का पेहराव करेगी, इसी संदर्भ में कार्यवाहक जिलाध्यक्ष पंकज तिवारी ने कांग्रेस कार्यालय तिलक भवन में एक प्रेसवार्ता का आयोजन कर भाजपा सरकार पर बढ़ा हमला बोला. प्रेसवालों में मुख्य रूप से नगर पालिका अध्यक्ष शीशन सोनकर, जिलाध्यक्ष युवा कांग्रेस नाहित गीर्मा एवं पी. सी. सी. सदस्य पद्‌मधर कि उपस्थित रहे।

पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए पंकज तिवारी ने कहा कि प्रदेश की जनता योगी सरकार के कुशासन से आहि-त्राहि कर रही है। सरकार हर मोर्चे पर विफल साबित हो रही है और अपनी नाकामी छुपाने के लिए सिर्फ धार्मिक तुष्टीकरण की नीति अपना रही है।

आम जनमानस की हर समस्या का केवल एक जवाब है योगी सरकार के पास हिंदू मुसलमान। आए दिन कोई न कोई धार्मिक उन्माद फैलाने पाला एजेंडा सेट किया जाता है. ताकि सरकार अपनी नाकामियों पर पर्दा डाल सके।

मगर कांग्रेस पार्टी सकल्पित है, सरकार की हर नाकामी से पर्दा उठाने के लिए हम सड़क पर उतरकर संघर्ष करेंगे, और मजबूर करेंगे कि सरकार को जनता की आवाज सुनने के लिए हम 18 दिसम्बर को विधानसभा का घेराव करेंगे और हम सोती सरकार से जवाब मांगेंगे। बिजली कंपनियों के निजीकरण की साजिश-

चंद गुजराती कंपनियों को फायदा पहुंचाने के उद्देश्य से सरकारी बिजली कंपनियों का निजीकरण किया जा रहा है। यह बात आइने की तरह साफ है कि निजीकरण की वजह से बिजली की दरें बहुत बढ़ जाएगी और अंत में नुकसान आम उपभोक्ताओं का ही उठाना होगा। विदित है कि आगरा और ग्रेटर नोएडा में बिजली का निजीकरण बुरी तरह से असफल हो चुका है।

अगर आगरा की बात करें तो यहां की बिजली व्यवस्था टोरेंट पावर को दी गई। निजीकरण के करार के अनुसार पावर कॉर्पोरेशन टोरेंट पावर की बिजली देता है। वर्ष 2023-24 में पावर कॉर्पोरेशन से 4.36 प्रति यूनिट की दर से 2300 मिलियन यूनिट बिजली टोरेट पावर को दी। पावर कॉर्पोरेशन ने यह बिजली 5.55 रुपए प्रति यूनिट की दर से खरीदी। इस प्रकार पावर कार्पोरेशन को वित्तीय वर्ष 2023-24 में लगभग 275 करोड़ रुपए की क्षति हुई। दुर्भाग्य यह है कि जनता की महगी बिजली ही मिल रही है और फायदा निजी कंपनियों को रहा है. सिर्फ गुजराती कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए सरकार सारा कुचक्र रच रही है।

प्रदेश के किसानों की समस्याएं-

प्रदेश के अन्नदाता किसानों के साथ भाजपा सरकार ने सौतेला व्यवहार किया है। सरकार ने किसानों के हित में काम तो नहीं किया, उल्टे उनकी परेशानियों में इजाफा जरूर किया है। अभी बुवाई के समय डीएपी की किल्लत पैदा की गई और फिर उसकी कालाबाजारी हुई। किसान रोता रहा, परेशान होता रहा, मगर उसे मजबूर किया गया महगी खाद खरीदने के लिए। सरकार ने कहा था कि किसानों का बिजली का बिल माफ किया जाएगा, माफी तो छोड़िए बिजली के बिल बढे हुए आ रहे है। प्रदेश के गन्ना किसानों का 7000 करोड़ से ऊपर रुपया बकाया है।

प्रदेश के युवाओं की समस्याएं-

युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बहुत कम है, बेरोजगारी चरम पर है और सरकारी भर्तियां-भ्रष्टाबार की भेंट चढ़ चुकी है। जितनी सरकारी सेवाओं के लिए परीक्षाएं हो रही है या तो उनके पेपर लीक हो रहे है या सालों से उनके परिणाम नहीं आए हैं। प्रतियोगी छात्र आए दिन अपनी जायज मांगों को लेकर लोक सेवा आयोग घेर रह है और पुलिस की लाठी खा रहे हैं। 80000 शिक्षक भर्ती मामले में कोर्ट के यह कहने के बाद की 1994 के आरक्षण नियमों का पालन नहीं हुआ फिर भी सरकार पिछड़े वर्ग के अभ्यर्थियों को उनका हक देने के लिए तैयार नहीं है। हजारों युवा पिछले 5 साल से लखनऊ की सड़कों पर अपने जायज हक के लिए संघर्षरत है।

प्रदेश की बदहाल स्वास्थ्य सेवांए-

प्रदेश के अधिकतम सरकारी अस्पतालों और सामुदायिक केंद्रों पर दवाईयां उपलब्ध नहीं 12 जिले के अस्पतालों को दिखावे के लिए मेडिकल कॉलेज में तब्दील कर दिया गया है. मगर सुविधाओं में कोई विस्तार नहीं किया गया है। आज भी यह अस्पताल मरहम पट्टी से ऊपर कुछ नहीं कर सकते। राजधानी लखनऊ के सभी अस्पतालों में आआंख के ग्लूकोमा जैसे सामान्य जांच की सुविधा उपलब्ध नहीं है।

प्रदेश की ध्वस्त कानून व्यवस्था

उत्तर प्रदेश जंगल राज में परिवर्तित हो गया है. अपराधी बेखौफ होकर जघन्य अपराधों को अंजाम दे रहे है। महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़ते ही जा रहे हैं। एन.सी. आरबी के आआंकड़ों के मुताबिक पूरे देश में महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों में चौथाई हिस्सा उत्तर प्रदेश का है।

अपहरण की घटनाएं दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है अभी कुछ दिन पहले अभिनेता मुश्ताक खान और हास्य कलाकार सुनील पाल के अपहरण ने पूरे प्रदेश को शर्मिंदा किया। अन्य मुद्दे- तड शुरू हो रही है और अभी तक प्राथमिक विद्यालयों में बच्चों को मोजे और स्वेटर नहीं मिले हैं। प्रदेश की लगभग सभी सड़के टूटी हुई हैं और खस्ताहाल हैं। 100 से अधिक पुल अधूरे पड़े हैं और सभी कुछ दिन पहले बरेली में एक अधूरे पुल से गिरकर तीन युवकों की मौत हो गई है। रोज कोई ना कोई बड़ा एक्सीडेंट हो रहा है और सरकार ने सड़क सुरक्षा पर कोई जमीनी कार्य नहीं किया है , और इन अनगिनत समस्याओं का योगी सरकार के पास सिर्फ एक हल है हिन्दू-मुसलमान, हिन्दू-मुसलमान और हिन्दू-मुसलमान।

बहराइच से लेकर संभल तक. मथुरा से लेकर काशी तक, रोज कोई ना कोई ऐसा मुद्दा छेड़ दिया जाता है, जिससे सामाजिक ताना-बाना कमजोर हो. सामाजिक विद्वेष बढ़े और भोली-भाली जनता इसी नफरत की लड़ाई में उलझ कर रह जाए। हमारा विधानसभा का घेराव सिर्फ घेराव नहीं है, यह हमारा प्रयास है कुंभकर्णी नींद में सोई सरकार को जगाने का, आम जनता के मुद्दों को सामने लाने का, और जनता को न्याय दिलाने का।

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