ममता बनर्जी का उत्तराधिकारी कौन होगा, फ्यूचर में टीएमसी की कमान किसके हाथ में होगी? पश्चिम बंगाल की सियासत में यह सवाल चर्चा का विषय है. टीएमसी के भीतर या बाहर, बार-बार यह सवाल उठ रहा है. अब खुद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने खुलासा कर दिया है. ममता बनर्जी ने शुक्रवार को इसमें उन्होंने साफ कर दिया कि तृणमूल कांग्रेस में उनका उत्तराधिकारी कौन होगा. उन्होंने साफ कहा कि फैसला जो भी होगा, मगर वह अकेली नहीं लेंगी.
ममता बनर्जी ने कहा उत्तराधिकारी कौन होगा, यह पार्टी तय करेगी. ममता बनर्जी ने कहा कि टीएमसी एक अनुशासित पार्टी है, जहां कोई भी अपनी शर्तें नहीं थोप सकता है और न ही किसी पर हावी हो सकता है. उन्होंने कहा, ‘पार्टी तय करेगी कि लोगों के लिए सबसे अच्छा क्या है. हमारे पास विधायक हैं, सांसद हैं, बूथ कार्यकर्ता हैं. यह एक संयुक्त प्रयास है. नई पीढ़ी को मौका देने की बात पर संतुलित रवैया अपनाते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि ‘सभी (पुरानी और नई पीढ़ी के नेता) महत्वपूर्ण हैं. आज का नवागंतुक कल का अनुभवी होगा.’
ममता बनर्जी ने आगे कहा कि खुद से काम नहीं चलेगा. पार्टी एकजुट थी, है और रहेगी. यहां अहंकार काम नहीं करेगा. पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के अंदरूनी कलह के बीच ममता बनर्जी का यह बयान आया है. पार्टी के भीतर पुराने और युवा नेताओं के बीच वर्चस्व की लड़ाई जारी है. ममता बनर्जी ने एकाधिकार की बातों को खारिज करते हुए कहा कि मैं पार्टी नहीं हूं. हम सब मिलकर पार्टी हैं. यह एक परिवार है और यहां फैसले सामूहिक रूप से लिए जाते हैं.
हालांकि टीएमसी ने अभी तक ममता बनर्जी के बाद किसी उत्तराधिकारी की घोषणा नहीं की है, लेकिन यह टिप्पणी पुराने नेताओं और अगली पीढ़ी के नेताओं के बीच चल रही बहस के बीच आई है. पुराने नेता ममता बनर्जी के प्रति वफादार माने जाते हैं, जबकि नई पीढ़ी के नेता अभिषेक बनर्जी के करीबी माने जाते हैं. तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी को बंगाल के युवाओं के बीच पार्टी के किसी भी दूसरे नेता से ज्यादा लोकप्रिय माना जाता है. खबरों के मुताबिक, पुराने नेता अक्सर पार्टी के भीतर दखलअंदाजी करने के लिए उनकी आलोचना करते हैं.पश्चिम बंगाल विधानसभा के लिए अगला चुनाव मार्च-अप्रैल 2026 में होने की उम्मीद है, जिसमें सभी 294 सदस्य चुने जाएंगे. हाल के वर्षों में राज्य में भाजपा का उदय प्रमुख विपक्षी दल के रूप में हुआ है. आगामी चुनाव में ममता की टीएमसी और भाजपा के बीच ही मुख्य मुकाबला होगा.