इंडियन प्रीमियर लीग के अगले सीजन से पहले मेगा ऑक्शन में फ्रेंचाईजी टीम ने खिलाड़ियों पर जमकर पैसा लगाया. ऋषभ पंत टू्र्नामेंट इतिहास के सबसे महंगे खिलाड़ी बने उनको 27 करोड़ रुपये की बोली लगाकर लखनऊ सुपर जायंट्स ने अपनी टीम में शामिल किया. यह सवाल हर किसी के मन में उठ रहा होगा कि आखिर इस 27 करोड़ में से उनके हाथ कितना पैसा आएगा. ऋषभ पंत को टैक्स के रूप में कितनी रकम देनी होगी और अगर वो टूर्नामेंट के दौरान या उससे पहले चोटिल हो गए तो कितना नुकसान होगा.
भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत ने दिल्ली कैपिटल्स की टीम से नए सीजन में अलग होने का फैसला लिया. इस फैसले के बाद से ही उनपर मेगा ऑक्शन में लगने वाली बोली पर चर्चा हो रही थी. 30 करोड़ रुपये तक की बोली लगाए जाने की उम्मीद की जा रही थी. ऐसा ही हुआ और उनको लखनऊ की टीम ने 27 करोड़ की मोटी रकम देकर अपने साथ जोड़ा. अब सवाल यह है कि क्या सारे पैसे पंत के होंगे या उनको इस पर टैक्स भी देना होगा. अगर हां तो कितना रकम वो इसके लिए चुकाएंगे.
ऋषभ पंत को मिलेंगे कितने पैसे
इंडियन प्रीमियर लीग 2025 की नीलामी में खिलाड़ियों की बोली लगी और तीन साल का करार टीम के साथ हुआ. जितनी की बोली लगाकर फ्रेंचाईजी टीम ने खिलाड़ियों को खरीदा है वो उनको एक सीजन के लिए देना होगा. ऋषभ पंत को 27 करोड़ रुपये में लखनऊ ने खरीदा लेकिन यह सारे पैसे उनको एक सीजन में नहीं मिलेंगे. इसमें से 8.1 करोड़ भारत सरकार टैक्स के रूप में वसूल करेगी. 18.9 करोड़ रुपये उनको आईपीएल टीम से सैलरी के रूप में मिलेगा.
चोटिल होने पर क्या होगा
अगर ऋषभ पंत को आईपीएल के दौरान चोट लगती है तो उनको पूरे पैसे मिलेंगे लेकिन उससे पहले उनको चोट लगी और वो टूर्नामेंट में नहीं खेल पाए तो फ्रेंचाईजी के पास किसी और खिलाड़ी को बतौर रिप्लेसमेंट टीम में शामिल करने का हक होगा. कोई खिलाड़ी अगर टूर्नामेंट से पहले चोटिल हो जाता है तो विदेशी खिलाड़ियों को कोई पैसा नहीं मिलता है. अगर भारतीय खिलाड़ी टीम इंडिया की तरफ से खेलते हुए चोटिल हो जाता है और आईपीएल नहीं खेल पाता तो बीसीसीआई ने उनका बीमा कराया हुआ है लिहाजा पूरे सीजन का पैसे मिल जाते हैं.
बिना मैच खेले भी पूरे पैसा मिल सकते है
अगर कोई भारतीय या विदेशी खिलाड़ी आईपीएल फ्रेंचाईजी टीम के साथ पूरे टूर्नामेंट में खेलने के लिए उपलब्ध है लेकिन उसे 1 भी मैच खेलने नहीं मिलता. ऐसे में जितने में टीम ने खिलाड़ी को खरीदा है वो सारे पैसे बिना मैच खेले दिए जाएंगे. कोई खिलाड़ी निजी कारण से टूर्नामेंट से हट जाता है तो जितने मैच खेलेगा उसके हिसाब से पैसे दिए जाएंगे. बीच टूर्नामेंट में अगर वो चोटिल होता तो भी टीम को पूरे पैसे देने होंगे.