महोबा : मुख्य चिकित्साधिकारी की हद से बाहर झोलाछाप डॉक्टर? सरकारी महकमे को दे रहे चकमा

महोबा : जिले के नगर एवं शहरी क्षेत्रों में बिना लीगल डिग्री के एलोपैथ एवं आयुर्वेद प्रैक्टिस कर रहे हैं और ऐसे डॉक्टरों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है . जिससे सरकार को कई लाखों रुपए की टैक्स की चपत लग रही है . संभव है सरकारी कर्मचारियों के अनदेखे के चलते जनपद में झोलाझाप डॉक्टर्स का कारोबार फलफूल रहा है .

चूंकि बुन्देलखण्ड का अनपढ़ गरीब किसान, मजदूर तथा छोटे तपके के लोगों को अपनी बातों में बहला फुसलाकर मरीजों का इलाज कर उनसे मोटी धनराशि लेने में ये डॉक्टर्स सफल रहते हैं. जिनकी जान जोखिम में बनी रहती है . यहां शायद मुख्य चिकित्साधिकारी के द्वारा माह सितम्बर 2024 से लेकर आज तक मुख्यमंत्री जी के आदेशों की कोई अनुपालना नहीं की गयी है.

गौरतलब है की उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में फैले झोलाछाप डॉक्टरों और अवैध चिकित्सा संस्थानों के खिलाफ कड़ा कदम उठाने के निर्देश दिए हैं. लेकिन इसके बाद भी अवैध अस्पतालों का कारोबार जोरों पर है.

सूबे में अक्सर जिम्मेदार झोलाछाप डॉक्टरों की जांच कर जेल भेजने की कार्यवाही को न पूर्ण कर अपने मनमाफिक फर्जी रिपोर्ट तैयार कर अपने उच्चाधिकारियों को प्रेषित कर दिया जाता है और माननीय मुख्यमंत्री जी की कार्ययोजनाओं को अपनी कलम से कुचल कर फेंक दिया जाता है, जिससे झोलाछाप डॉक्टरों में माननीय मुख्यमंत्री महोदय जी के आदेशों/शासनादेश का कोई असर नहीं पड़ता है. बल्कि उनमें और बिना परमिशन तथा नशीली दवाएं देने की खुली छूट दी जाती है. मुख्य चिकित्साधिकारी के द्वारा पहले क्लीनिक में छापा डाला जाता है और फिर एक मोटी रकम लेकर उनको छोड़ दिया जाता है. जिससे उनमें भरा हुआ डर हमेशा के लिए खत्म हो जाता है.

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