यूपी के आगरा में एक ऐसा गांव है जहां के लोग अपने परिवार के जीवन यापन के लिए बारूद की खेती करते हैं। यहां छोटे-छोटे बच्चे भी बारूद से बम बनाने में एक्सपर्ट हैं। हालांकि प्रशासन ने इस बार प्रदूषण और सुरक्षा कारणों से यहां काम बंद करा दिया है लेकिन फिर भी परिवार के भरन पोषण के लिए आज भी यह काम हो रहा है। इस गांव में बड़े पैमाने पर बारूद का काम हो रहा है, इसलिए यहां बीड़ी-सिगरेट पीना तक मना है।
दरअसल आगरा में एत्मादपुर तहसील में एक गांव दोहर्रा में लोग खेतों में अनाज उगाने की बजाय बारूद की खेती करते हैं। यहां के करीब 100 परिवार के लोग गांव में बारूद का काम करते हैं। हर घर में देसी पटाखे बनाने का काम होता है। यहां छोटे बच्चे हो या परिवार के बड़े लोग, सभी बारूद से खेलने में माहिर हैं। यहां गिने चुने कुछ परिवारों के पास आतिशबाजी बनाने के लाइसेंस हैं। इस बार प्रदूषण और सुरक्षा कारणों से यहां काम बंद करा दिया गया है जिससे लाइसेंस वालों की आजीविका पर खतरा आ गया है।
इनका कहना है कि हम सालों से यह काम कर रहे हैं और यही हमारी रोजी रोटी है। चार-पांच दिन का त्योहार होता है लेकिन इस बार रोक लगा कर प्रशासन ने हमें फंसा दिया है। सारे अग्निशमन उपकरण होते हुए भी हमें रोक दिया गया है और ऐसे में हम अपना परिवार कैसे चलाएगें। वहीं अवैध पटाखा बनाने वाले परिवार आज भी अपने खेतों में जमकर बारूद से पटाखे तैयार कर रहे हैं। यहां छोटे-छोटे बच्चे तक बारूद की खेती कर रहे हैं। यहां खेतों में अनाज उगाने से ज्यादा बारूद से पटाखे बनाने का काम होता है।