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जनपद में 30014 मै०टन यूरिया, 4842 मै०टन डी०ए०पी०, 7378 मै०टन एन०पी०के०, 5850 एम०ओ०पी० तथा 2980 मै० टन एस०एस०पी० उपलब्ध है। हाल ही में 2000 मै०टन फास्फटिक उर्वरक जनपद को प्राप्त हुई है, अगले 2-3 दिनों में फरस्फैटिक उर्वरक की और रैक आने की सम्भावना है, साथ ही जिला कृषि अधिकारी के०के० सिंह द्वारा अवगत कराया गया कि सहकारी एवं निजी विक्रेताओं द्वारा बिक्री किये जाने वाले उर्वरकों के मूल्य एवं गुणवत्ता में कोई अन्तर नहीं है। जनपद के कृषकों को संसूचित करना है कि डी०ए०पी० के विकल्प के रूप में एन०पी०के० उपयोग को बढ़ावा दें। इस उर्वरक में नाइट्रोजन, फास्फोरस के अतिरिक्त पोटैशियम और सल्फर भी पाया जाता है, जो फसलों में बढ़वार के लिए अत्यन्त लाभदायक है। उक्त के अतिरिक्त डी०ए०पी० के विकल्प के रूप में एस०एस०पी० एवं यूरिया का प्रयोग एक साथ बुवाई के समय करने से कृषकों के उत्पादन लागत में कमी आयेगी और अत्यधिक उत्पादन भी प्राप्त होगा। जनपद के सभी सहकारी एवं निजी उर्वरक बिक्री केन्द्रों द्वारा कृषकों को उनके जोत के आधार पर आवश्यक उर्वरक की मात्रा निर्धारित करते हुये, पी०ओ०एस० मशीन से शत-प्रतिशत वितरण सुनिश्चित कराये जाने के निर्देश दिये गये हैं।
जिलाधिकारी महोदय द्वारा उर्वरक बिक्रय केन्द्रों पर सहकारिता. कृषि एवं राजस्व विभाग की संयुक्त टीम गठित करते हुये निर्धारित मूल्य पर नियमानुसार बिक्री कराये जाने हेतु सतत निगरानी किये जाने हेतु निर्देशित किया गया है। इसी प्रकार अन्र्तराज्यीय सीमावर्ती क्षेत्रों में कृषि विभाग एवं पुलिस की गठित संयुक्त टीमों के द्वारा उर्वरक के अवैध परिसंचरण की सतत् निगरानी की जा रही है।
द दस्तक 24
प्रभारी पत्रकार तहसील कोरांव प्रयागराज उमाशंकर कुशवाहा 7571974858