‘छक्का मारा तो बैट से मारूंगा,’ जब सचिन ने बीच मैदान में खोया आपा ?

वीरेंद्र सहवाग ने मुल्तान में 309 रन की ऐतिहासिक पारी खेली थी. भारतीय क्रिकेट के इतिहास में यह सबसे बेहतरीन पारियों में से एक है. उन्हें इसी पारी की बदौलत ‘मुल्तान का सुल्तान’ नाम दिया गया. सहवाग ने 2004 में पाकिस्तान दौरे पर पहले टेस्ट मैच में ट्रिपल सेंचुरी जड़कर तहलका मचा दिया था. टेस्ट में तिहरा शतक जड़ने वाले वह पहले भारतीय बने थे. उन्होंने 364 गेंदों पर यह उपलब्धि हासिल की थी. उन्होंने इस दौरान अपने आइडल सचिन तेंदुलकर के साथ मिलकर तीसरे विकेट के लिए 336 रन की साझेदारी की. सहवाग ने कई बार मैदान पर, ड्रेसिंग रूम में, टीम डिनर के दौरान और ट्रेवल के दौरान तेंदुलकर के साथ बिताए समय के बारे में कई किस्से साझा किए हैं.

वीरेंद्र सहवाग ने एक साल पहले न्यूज 18 इंडिया से एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में बताया कि कैसे एक बार सचिन तेंदुलकर ने उन्हें बैट से मारने की धमकी दी थी. सहवाग ने मुल्तान टेस्ट मैच को याद करते हुए कहा, ‘ जब वह ( तेंदुलकर ) राहुल द्रविड़ के आउट होने के बाद क्रीज पर आए. मैं उस समय 120 रन बनाकर खेल रहा था. उनके आने के तुरंत बाद मैंने सकलैन मुश्ताक की गेंद को लॉन्ग ऑन के उपर से छक्के के लिए बाउंड्री के बाहर भेज दिया. फील्डर ने कैच की कोशिश की लेकिन वह इसमें नाकाम रहा. मास्टर मेरे पास बैट लेकर आए और कहा कि अब अगर तूने छक्का मारा ना तो मैं तेरे को बैट से मारूंगा खींच के. जब मैं 295 के स्कोर पर पहुंचा तो मैंने कहा कि सकलैन अब गेंदबाजी के लिए आया तो मैं उसे स्टेप आउट कर पहली ही गेंद पर छक्का मारूंगा.’

‘तू पागल है?’

सचिन तेंदुलकर ने वीरेंद्र सहवाग से कहा कि तू पागल है? तू 300 रन बनाने वाला पहला भारतीय बन जाएगा. मैंने कहा कि आज तक किसी भारतीय ने 295 का स्कोर भी तो नहीं किया है. मैं पहला भारतीय हूं. वह मुझे पागल कहते हुए चले गए. फिर जब सकलैन को अटैक पर लाया गया तो मैंने आगे बढ़कर छक्का जड़ दिया और अपना तिहरा शतक पूरा कर लिया. इसके बाद मुझसे ज्यादा खुशी सचिन के चेहरे पर देखने को मिली.

सचिन को सता रहा था ऑस्ट्रेलिया वाला डर

सहवाग की इस पारी की बदौलत भारत ने पहली पारी 5 विकेट पर 675 रन पर घोषित की. इसके बाद भारतीय टीम ने मुल्तान टेस्ट को पारी और 52 रन से अपने नाम किया. सहवाग की यह पारी इतिहास के सुनहरे पन्नों में दर्ज हो गई. इस पारी को उनकी आक्रमकता और निर्भीकता के लिए जाना जाता है.

उस समय पाकिस्तान की बॉलिंग अटैक में शोएब अख्तर, मोहम्मद शमी और सकलैन मुश्ताक जैसे खूंखर गेंदबाज शामिल थे. सहवाग ने कहा कि मुल्तान टेस्ट से पहले हम 2003 में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर गए थे. तब मैंने साइमन कैटिच को कुछ छक्के मारे और 195 रन पर पहुंच गया था. 200 रन तक पहुंचने के लिए मैंने उसे एक और सिक्स मारने की कोशिश की और मैं आउट हो गया.

हम उस टेस्ट को हार गए थे. वीरू ने कहा कि सचिन को यही डर सता रहा कि जिस तरह मैं ऑस्ट्रेलिया में छक्का जड़ने के फिराक में आउट हुआ था कहीं यहां भी वैसे ही ना आउट हो जाउं. क्योंकि उन्होंने कहा था तुम्हारी वजह से हम वहां हार गए थे.

सचिन-सहवाग ने वनडे में ओपनिंग करते हुए 3919 रन बनाए

वनडे में सचिन-सहवाग की ओपनिंग जोड़ी ने 3919 रन बनाए हैं.वीरेंद्र सहवाग ने अपना आखिरी इंटरनेशनल मैच साल 2013 में खेला. उन्होंने 104 टेस्ट मैचों में 8,586 रन बनाए हैं जबकि 251 वनडे इंटरनेशनल मैचों में 8,273 रन ठोके हैं. उनके नाम 19 टी-20 मैच में 394 रन दर्ज है.