रणबीर कपूर की फिल्म ‘एनिमल’ और राघव जुयाल की ‘किल’ के बाद एक और एक्शन से भरपूर फिल्म ‘युधरा’ 20 सितंबर को सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है. फिल्म में सिद्धांत चतुर्वेदी के साथ मालविका मोहनन नजर आ रही हैं. फिल्म में सिद्धांत गुस्सैल स्वभाव वाले इंसान के तौर पर नजर आ रहे हैं. उन्हें देखकर आपको ‘एनिमल’ के रणबीर कपूर की याद आएगी. एक इंटरव्यू में सिद्धांत ने बताया था कि यह फिल्म तब शुरू हुई थी, जब हिंसक एक्शन फिल्मों का चलन शुरू भी नहीं हुआ था और सच तो यह है कि अगर यह फिल्म ‘एनिमल’ और ‘किल’ से पहले रिलीज होती तो रिलीज के साथ ही बॉक्स ऑफिस पर छा जाती, लेकिन अब बहुत देर हो चुकी है. ‘युध्रा’ से पहले भी इस जॉनर में कई फिल्में बन चुकी हैं और तहलका मचा चुकी हैं. ऐसे में अगर यह फिल्म कुछ कमाल कर पाती है तो मेकर्स के लिए यह किसी चमत्कार से कम नहीं होगा.
फिल्म की कहानी एक ऐसे इंसान की है, जो बचपन से गुस्सैल स्वभाव का है जिसका नाम युध्रा राठौड़ है. दरअसल, युध्रा बदले की आग में जल रहा है, क्योंकि ड्रग्स माफिया वालों ने उसके मां-बाप की बीच रास्ते में हत्या कर दी थी. फिल्म की कहानी थोड़ी कमजोर है, वो इसलिए क्योंकि जब आप फिल्म देखने बैठते हैं तो आप आराम से यह समझ जाएंगे कि आगे क्या होने वाला है. वैसे फिल्म में सिद्धार्थ का काम आपको बेहद पसंद आने वाला है और साथ ही मालविका मोहनन की भी, जिसमें उन्होंने निखत सिद्दीकी नाम की एक लड़की का किरदार निभाया है.
फिल्म की कहानी भले ही कमजोर हो लेकिन सिद्धार्थ और मालविका ने अपनी शानदार एक्टिंग से फिल्म में जान डाल दी है. अगर एक्टिंग की बात करें तो फिल्म में राघव जुयाल का किरदार भी आपको पसंद आएगा, जिसमें उन्होंने शफीक नाम के शख्स का किरदार निभाया है. बस अफसोस इस बात का है कि अगर ये फिल्म ‘किल’ से पहले रिलीज हुई होती तो राघव को जज किया जा सकता था. इसमें कोई शक नहीं कि ‘किल’ में राघव ने जो अपने अभिनय का जादू दिखाया था उसके सामने ‘युध्रा’ कमजोर लगती है. हालांकि, फिल्म में राघव की पूरी मेहनत नजर आती है. वैसे, गजराज राव और राम कपूर के अलावा भी तमाम स्टार कास्ट ने अपने-अपने किरदार के साथ इंसाफ किया है.
फिल्म में जो संगीत तैयार किया गया है. उसमें नंबर काटना उचित नहीं होगा. फिल्म में शंकर-एहसान-लॉय और प्रेम-हरदीप ने क्या संगीत तैयार किया है. वहीं, गीत जावेद अख्तर और राज रंजोध ने लिखे हैं. गीत के साथ जावेद अख्तर का नाम जुड़ना ही उसे शानदार बना देता है. वहीं, रवि उध्यावर के निर्देशन में बनी फिल्म का फर्स्ट हाफ में आप थोड़ा बोर हो सकते हैं क्योंकि फिल्म की गति थोड़ी धीमी हो जाती है, लेकिन सेकंड हाफ आते ही फिल्म रफ्तार पकड़ लेती है. कहानी में भले ही कुछ नयापन न हो लेकिन उसी कहानी के साथ रवि उध्यावर ने कुछ अलग करना का प्रयास किया है. कुल मिलाकर देखा जाए तो इस फिल्म को एक बार आप देख सकते हैं. एंटरटेनिंग तो है ही, साथ ही साथ अगर आप एक्शन फिल्मों के शौकीन हैं तो यह फिल्म आपको मिस नहीं करनी चाहिए. मेरे ओर से इस फिल्म 3 स्टार.