‘स्पेशल ठाकुर फोर्स’ के बाद अब अखिलेश यादव ने STF को दिया नया नाम, गिनाईं अधिकारियों की जाति

उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स को लेकर राज्य में सियासत जारी है. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और कन्नौज सांसद अखिलेश यादव ने अपना एक डेटा पेश कर बताया है कि एसटीएफ में कौन से वर्ग के कितने अधिकारी हैं. सपा नेता ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर एक ग्राफ पोस्ट कर बड़ा दावा किया है. सपा चीफ के दावे के मुताबिक पीडीए से 2 और अन्य से 21 अधिकारी एसटीएफ में तैनात हैं.

लोकसभा चुनाव के पहले ही सपा ने पीडीए का नारा दिया था. सपा चीफ ने पीडीए का फुलफॉर्म बताते हुए का था कि इसमें पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक, आदिवासी और अगड़े, सभी शामिल हैं. अखिलेश ने कहा कि ‘सरेआम ठोको फोर्स’ में तैनात लोगों का आँकड़ा बता रहा है कि ये तथाकथित ‘विशेष कार्य बल’ (विकाब) कुछ बलशाली कृपा-प्राप्त लोगों का ‘व्यक्तिगत बल’ बनकर रह गया है. सपा चीफ ने लिखा- जो जनसंख्या में 10% हैं, उनको 90% तैनाती और जो जनसंख्या में 90% हैं, उनको 10% तैनाती. इसका मतलब, इस बल के इस्तेमाल किये जाने का कोई खास मक़सद है, जिसके कारण ऐसी तैनाती हुई है. ‘विकाब’ के बारे में यूं भी कहा जा सकता है : बलशालियों द्वारा, बलशालियों के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए लेकिन निर्बलों के ख़िलाफ़. उन्होंने कहा कि देखिएगा कि इस आँकड़े के सामने आते ही, कैसे अपना मुँह बचाने के लिए शासन-प्रशासन के स्तर पर कॉस्मैटिक उपचार होगा और कुछ उपेक्षित लोगों को दिखावटी पोस्टिंग दी तो जाएगी लेकिन ‘विशेष प्रयोजन की पूर्ति’ के समय, कोई भी बहाना बनाया जाएगा पर साथ नहीं ले जाया जाएगा. ‘विकाब’ वाले विकास कैसे कर सकते हैं? उप्र के लिए ‘विकाब’ विकार है.

सुल्तानपुर में मंगेश यादव के एनकाउंटर के बाद से ही विपक्ष राज्य में एसटीएफ पर सवाल खड़े कर रहा है. बीते दिनों एक साक्षात्कार में अखिलेश ने एसटीएफ को स्पेशल ठाकुर फोर्स बताया था.