आर अश्विन बीसीसीआई के इस फैसले से गदगद, बताया गेम चेंजर ?

टीम इंडिया के ऑफ स्पिनर आर अश्विन ने बीसीसीआई के घरेलू क्रिकेट में डीआरएस लागू करने के फैसले का स्वागत किया है. अश्विन का कहना है कि इससे युवाओं को फायदा होगा. दलीप ट्रॉफी में पहली बार डीआरएस का इस्तेमाल हो रहा है जहां चार टीमें खेल रही हैं. अश्विन दलीप ट्रॉफी मैच के दौरान भारत डी के बल्लेबाज रिकी भुई को एलबीडब्ल्यू आउट दिए जाने के बाद चली चर्चा पर प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे थे. मैदानी अंपायर ने तब बल्लेबाज को आउट नहीं दिया था लेकिन भारत सी ने डीआरएस का सहारा लिया जिसके बाद भुई को पवेलियन लौटना पड़ा.

इससे उसका करियर भी खत्म हो सकता है

अश्विन का मानना है कि अब गेंदबाजों के पास मैदानी अंपायर का फैसला पलटने के लिए डीआरएस का सहारा है जिससे बल्लेबाजों को अपने करियर के शुरू में ही अपनी तकनीकी में आवश्यक बदलाव करने होंगे. उन्होंने कहा,‘अब अपने बल्ले को पैड के पीछे रखना घातक हो सकता है. कल्पना कीजिए कि रिकी को कल मिले इस अनुभव के बिना कोई अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में आगे बढ़ना चाह रहा हो. उसे यह समझने के लिए पूरी टेस्ट श्रृंखला लग सकती है कि उसे अपने खेल में किस तरह के बदलाव करने हैं. इससे उसका करियर भी खत्म हो सकता है.’

अश्विन आगामी बांग्लादेश के खिलाफ घरेलू टेस्ट सीरीज में खेलते हुए दिखाई दे सकते हैं. भारत और बांग्लादेश के बीच 19 सितंबर से 2 मैचों टेस्ट सीरीज खेली जाएगी. इसके बाद दोनों टीमें 3 मैचों की टी20 सीरीज में भिड़ेंगी. अश्विन ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, ‘घरेलू क्रिकेट के लिए डीआरएस सिर्फ सही निर्णय लेने तक सीमित नहीं है. कल शाम मानव सुथार की गेंद पर रिकी भुवी का आउट होना एक बल्लेबाज का उत्कृष्ट मामला है जो प्रथम श्रेणी क्रिकेट में इस तकनीक के नहीं होने पर आउट होने से बच जाता. डीआरएस से पहले आगे बढ़कर खेलना कोई दोषपूर्ण तकनीक नहीं थी लेकिन अब यह है. पुराने जमाने में बल्लेबाजों को सिर्फ इसलिए नॉट आउट दिया जाता था क्योंकि वे फ्रंटफुट पर खेलने में कामयाब रहते थे.