जाति व्यवस्था पर मोहन भागवत बोले- जातियां भगवान ने नहीं पंडितों ने बनाई, हिंदू-मुसलमान सब एक

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने जातिवाद को लेकर कहा कि हमारे समाज के बंटवारे का फायदा हमेशा दूसरों ने उठाया है। इसी से हमारे देश में आक्रमण हुए और बाहर से आए लोगों ने फायदा उठाया। यह बात आपको कोई ब्राह्मण नहीं बता सकता आपको स्वयं ही समझना होगा। हमारी आजीविका का मतलब समाज के प्रति जिम्मेदारी भी है जब हर काम समाज के लिए होता है तो कोई ऊंचा-नीचा या कोई अलग कैसे हो गया। भागवत ने कहा कि भगवान ने हमेशा बोला है कि मेरे लिए सभी एक हैं इनमें कोई जाति-वर्ण नहीं है, लेकिन पंडितों ने श्रेणी बनाई ये गलत था। धर्म को हमने बदलने की कोशिश नहीं की, बदलता है तो धर्म छोड़ दो। ऐसा बाबा साहेब अंबेडकर ने कहा। परिस्थिति को कैसे बदलना है यह बताया है।

सिर्फ अपने बारे में सोचना धर्म नहीं है

संघ प्रमुख ने कहा कि रोहिदास, तुलसीदास, कबीर और सूरदास से ऊंचे थे इसलिए संत शिरोमणि थे। संत रोहिदास शास्त्रार्थ में ब्राह्मणों से भले नहीं जीत सके, लेकिन उन्होंने लोगों को विश्वास दिया कि भगवान हैं। सत्य, करुणा, अंतर पवित्र और सतत परिश्रम ये 4 मंत्र संत रोहिदास ने समाज को दिए। संत रोहिदास ने कहा कि धर्म अनुसार कर्म करो। समाज को जोड़ो और समाज की उन्नति के लिए काम करना यही धर्म है। उन्होंने बताया कि सिर्फ अपने बारे में सोचना और पेट भरना ही धर्म नहीं है। भागवत ने कहा कि यही कारण है कि संत रोहिदास के भक्त समाज के बड़े-बड़े लोग बने। आज की परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए किसी भी स्थिति में धर्म न छोड़िए। मकसद हमेशा एक रखो धर्म से जुड़े रहो। हिन्दू-मुसलमान सभी एक हैं।

मोहन भागवत ने कहा कि समाज और धर्म को द्वेष की नजर से मत देखो। गुणी बनो और धर्म का पालन करो। काशी का मंदिर टूटने के बाद शिवाजी महाराज ने औरंगजेब को पत्र लिखकर कहा कि हिन्दू हो या मुसलमान, हम सब ईश्वर के बच्चे हैं। अगर यह आपको अमान्य होगा तो उत्तर में हमें आपसे युद्ध करने आना पड़ेगा। संत रोहिदास ने कहा है लगातार कोशिश करते रहो समाज जरूर बदलेगा, लोगों की सोच बदलेगी। आज दुनियाभर में भारत को सम्मान के साथ देखा जाता है। इसकी वजह समाज को साथ लेकर चलना होगा यह संत रोहिदास ने बताया।