कांग्रेस, नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने विधानसभा चुनाव से पहले जम्मू-कश्मीर में चुनाव-पूर्व गठबंधन के लिए व्यापक सहमति बना ली है, जिससे इंडिया गठबंधन की सहयोगी महबूबा मुफ्ती की अगुवाई वाली पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) असमंजस में पड़ गई है.
हालांकि, हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक नेशनल कॉन्फ्रेंसअध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने गुरुवार (22 अगस्त) को कहा कि वे चुनाव के बाद पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) को भी साथ लाने के लिए तैयार हैं.
अपने श्रीनगर आवास के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए, नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि तीनों दलों ने जम्मू-कश्मीर के सभी 90 विधानसभा क्षेत्रों में सीट बंटवारे की व्यवस्था पर काम किया है ताकि उन ‘विभाजनकारी ताकतों को हराया जा सके’ जिन्होंने देश में ‘भारी मुश्किलें’ खड़ी की हैं. हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने यह घोषणा लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे द्वारा श्रीनगर में उनसे और उनके बेटे, नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला से मुलाकात के कुछ घंटों बाद की.
कांग्रेस महासचिव और जम्मू-कश्मीर इकाई के पूर्व अध्यक्ष गुलाम अहमद मीर ने कहा कि दोनों दलों ने गठबंधन करने से पहले अलग-अलग कारकों पर विचार किया. उन्होंने कहा, ‘हमने लगभग सभी बाधाओं को दूर कर लिया और दोनों दल एक सफल गठबंधन के लिए कुछ त्याग करने के लिए भी सहमत हुए.’ नाम न बताने की शर्त पर एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा, ‘एनसी को लगभग 50 सीटें और कांग्रेस को 35-38 सीटें मिलने की संभावना है. कुछ सहयोगियों को भी समायोजित किया जाएगा.’
हालांकि, सूत्रों ने बताया कि अपने गढ़ जम्मू के अलावा, कांग्रेस हालिया समय में जम्मू-कश्मीर में मजबूती से उभरी है. इसलिए वह यह बातचीत भी कर रही है कि नेशनल कॉन्फ्रेंस कश्मीर घाटी में उसके लिए कुछ सीटें खाली कर दे, जहां वह अपने उम्मीदवार उतार सके.