तेज़ी से तरक्की करते गुजरात में बच्चों के बीच लगातार कुपोषण के मामले बढ़ते जा रहे हैं. हाल ही में नीति आयोग द्वारा जारी सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) की स्थिति के आंकड़े बताते हैं कि बच्चों के पोषण में सुधार और भूख से लड़ने की क्षमता मामले में गुजरात सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले राज्यों में शामिल है.
रिपोर्ट के मुताबिक, इस महीने की शुरुआत में सरकारी थिंक टैंक ‘नीति आयोग’ द्वारा जारी 2023-24 एसडीजी रिपोर्ट की राज्यवार रैंकिंग में गुजरात, भूख सूचकांक मामले में 25वें स्थान पर रहा.
रिपोर्ट के आंकड़ों से पता चलता है कि आर्थिक रूप से समृद्ध बच्चों की तुलना में राज्य में पांच साल से कम उम्र के लगभग 40% बच्चे तय पैमाने से कम वजन के हैं.
मालूम हो कि 2015 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा निर्धारित 17 सतत विकास लक्ष्यों में से एसडीजी-2 का लक्ष्य भूख को खत्म करना है. इस रिपोर्ट में बिहार सबसे कम (24) अंकों के साथ निचले पायदान पर है. इसके बाद झारखंड (28), छत्तीसगढ़ (40), गुजरात (41), महाराष्ट्र (45), ओडिशा (45), असम (47) और मध्य प्रदेश (48) हैं.
ज्ञात हो कि सतत विकास लक्ष्यों के इस भूख सूचकांक में राज्यों को उनके 0-100 के बीच स्कोर के आधार पर वर्गीकृत किया गया है. 0-49 के बीच स्कोर करने वाले राज्यों को आकांक्षी (aspirant) के रूप में वर्गीकृत किया गया है, 50-64 को प्रदर्शन करने वाले यानी परफॉर्मर के रूप में वर्गीकृत किया गया है और 65-99 के बीच स्कोर करने वालों को ‘फ्रंट रनर्स’ कहा गया है. ‘अचीवर्स’ का स्कोर 100 है.