बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा का मुद्दा अब यूरोप तक पहुंच गया है। नीदरलैंड के राजनेता गीर्ट वाइल्डर्स ने बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हुए हिंसा की निंदा की। उन्होंने इसे भयानक बताया और हिंसा को जल्द समाप्त करने का भी आह्वान किया। दरअसल, बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में कुछ खास लोगों के एक वर्ग के लिए आरक्षण प्रणाली के खिलाफ जुलाई के मध्य से छात्रों के विरोध प्रदर्शन शुरू हुए थे। हिंसा के बीच ढाका में हिंदू समुदाय के दो नेताओं ने बताया कि हिंदुओं के कई मंदिरों, घरों और दुकानों में तोड़फोड़ की गई। महिलाओं पर हमला किया गया। हसीना के देश से भागने के बाद हुई हिंसा में अवामी लीग पार्टी से जुड़े दो हिंदू नेताओं की मौत हो गई। बता दें कि वर्तमान समय में बांग्लादेश में सियासी उथल-पुथल के बाद मंगलवार को अंतरिम सरकार का गठन किया गया। नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित मोहम्मद यूनुस को बांग्लादेश की अंतरिम सरकार का प्रमुख बनाया गया है। राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने इसकी घोषणा की। इस हिंसा में कई लोगों की जान चली गई। ताजा आंकड़ों के मुताबिक मृतकों की संख्या बढ़कर 440 तक हो चुकी है। गीर्ट वाइल्डर्स नीदरलैंड्स के नेता हैं, जिन्होंने दक्षिणपंथ दल- पार्टी फॉर फ्रीडम की 2006 में स्थापना की और इसका नेतृत्व कर रहे हैं। बांग्लादेश में हिंसा को लेकर उन्होंने कहा, “बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा भयावह है। उन्हें मारा जा रहा है और इस्लामिक भीड़ उनके घरों को जला रहे हैं। इसे तुरंत खत्म करना चाहिए।”
प्रधानमंत्री आवास में घुसे प्रदर्शनकारी
बांग्लादेश में हिंसा भड़कने के बाद शेख हसीना ने सोमवार को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और देश छोड़कर चली गईं। शेख हसीना के इस्तीफे के बाद कई प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री के आवास गणभवन में घुसे और वहां से सामान लूट कर ले गए। कई लोग संसद भवन में भी घुसकर वहां से चीजे ले गए। प्रदर्शनकारियों ने शेख हसीना के निजी आवास सुधा सदन में भी आग दी। उन्होंने मुख्य न्यायाधीश के आवास में भी तोड़फोड़ की। कई लोगों को मुख्य न्यायाधीश के आवास की दीवार फांदकर अंदर जाते देखा गया। इस्तीफा देने के बाद शेख हसीना भारत आ गईं। हालांकि, यह अभी तक स्पष्ट नहीं है कि वह भारत में ही रुकेंगी या किसी अन्य देश में शरण लेने वाली है।