अयोध्या में बन रहे राम मंदिर के निर्माण में एक बड़ी बाधा आ गई है। पिछले तीन महीने से राम मंदिर निर्माण की गति धीमी हो गई है। साथ ही मंदिर निर्माण का काम भी बाकी है। यह बात सामने आई है कि राम मंदिर का निर्माण कर रहे कारीगरों की वजह से मंदिर का काम रुका हुआ है।
ये कारीगर अपने घरों को लौट गए हैं और दोबारा मंदिर के काम में लौटने के लिए उत्सुक नहीं हैं। ये कारीगर मंदिर निर्माण की जिम्मेदारी लेने वाली एलएंडटी कंपनी की बात सुनने को तैयार नहीं हैं। इन सभी घटनाक्रमों को राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने गंभीरता से लिया है। उन्होंने कंपनी से जल्द से जल्द 200 कारीगरों की व्यवस्था करने को भी कहा है।
मिली जानकारी के मुताबिक राम मंदिर निर्माण के लिए जरूरी कारीगरों की भारी कमी है। पिछले 3 महीने से राम मंदिर निर्माण का काम धीमा हो गया है। इसलिए राम मंदिर का निर्माण कार्य पूरा होने के लिए जो तारीख तय की गई थी। इसमें दो माह से अधिक का समय लग सकता है। राम मंदिर का निर्माण पूरा करने की अंतिम तारीख दिसंबर 2024 तय की गई। मगर अब कारीगरों की कमी के कारण मंदिर का निर्माण पूरा होने में और समय लग सकता है। कहा जाता है कि राम मंदिर का निर्माण करने वाले कारीगरों की कमी के पीछे यहां की भीषण गर्मी मुख्य कारण है। भीषण गर्मी के कारण यहां के मजदूर अपने घरों को लौट गये। मगर अब मंदिर का काम कर रही कंपनी उन्हें काम पर वापस लाने में सफल नहीं हो रही है। इस संबंध में कल एक बैठक भी बुलाई गई थी। उस बैठक में राम मंदिर निर्माण समिति के प्रमुख नृपेंद्र मिश्रा ने कंपनी को बताया कि राम मंदिर का निर्माण पूरा करने की समय सीमा दिसंबर 2024 तक तय की गई है। मुख्य चुनौती मंदिर के शिखर का निर्माण करना है। दूसरी मंजिल का निर्माण पूरा होने के बाद ही शिखर बनाया जा सकेगा।