आप सभी मन की चंचलता से अवगत ही होंगें जो की हर किसी में होती है। प्रत्येक व्यक्ति का मन अत्यंत चंचल होता है। पर कई बार यह चंचलता घातक सिद्ध हो जाती है। इसलिए चंचलता को दूर करने के लिए मन को एकाग्र करना अत्यंत आवश्यक होता है। व्यक्ति को अपने मन की एकाग्रता के बिना जीवन के किसी भी क्षेत्र में सफलता नहीं मिल सकती है। मानव चित्त में अनेकों प्रकार की मनोवृत्तियां पनपती रहती हैं। उसका मन यहां वहां भटकता सा रहता हैं। कभी सोचता है की ये करूं, कभी सोचता है वो करूं, उसका मन एकाग्रता को हासिल नहीं कर पता है। प्रत्येक मानव जब अपने मन की बिखरी हुई शक्तियों को एक कर लेता है तभी उसके मन की एकाग्रता दृढ हो जाती है। और वह जितनी अधिक एकाग्र होंगीं उसको उतनी ही अधिक सफलता मिल सकती है। यदि आपका मन एकाग्रता को हासिल कर लेता है तो आप हर कठिन से कठिन कार्य को आसानी से कर पायंगे। एकाग्रता से ही सफलतम जीवन को प्राप्त करेगें। मन की एकाग्रता से आपके विचारों का शुद्धीकरण होता है। और इस जगत में प्रतिष्ठा मिलती है, मन की एकाग्रता एक दिन में नहीं आती इसके लिए अभ्यास जरूरी होता है।
जाने कैसे आती है मन में एकाग्रता
मन की एकाग्रता के लिए है की आप अपने विचारों का शुद्धीकरण करें। अपने भाव अच्छे रखें। किसी कार्य का निर्णय सोच समझ कर लें। आप मन को गलत बातों से, गलत विचारों से दूर रखें। हमेशा अच्छा व प्रगति की और ही विचार करें, इस जगत में कोई भी काम मुश्किल अवश्य होता है, पर नामुमकिन नहीं। ऐसा सोचकर मन की एकाग्रता को शक्ति मिलती है। आप अपने मन को वश में करो, आप मन के वशीभूत मत होना आप अपनी सभी इन्द्रियों में काबू रख मन की एकाग्रता को बढ़ा सकते है। इससे आपको इस जगत में शांति व् लोगो द्वारा प्रतिष्ठा व् सम्मान मिलेगा।