मालदीव की मुइज्जू सरकार ने इजराइल-गाजा युद्ध में फिलिस्तीन का समर्थन किया है। सरकार ने देश में पासपोर्ट के नियमों में बदलाव करते हुए इजराइली पासपोर्ट पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है। फैसला लागू होने के बाद इजराइली नागरिक मालदीव में प्रवेश नहीं कर पाएंगे।
रविवार (2 जून) को मालदीव के गृह मंत्री अली इहुसन ने कहा कि इजराइली पासपोर्ट वालों के मालदीव में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने के लिए कानूनी संशोधन करने का फैसला किया गया है। कैबिनेट ने इस प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए एक विशेष समिति का भी गठन किया है। इस कमेटी में देश के सीनियर अफसर और नेता शामिल हैं।
वहीं, इजराइल ने अपने नागरिकों के लिए चेतावनी जारी कर कहा है कि वे मालदीव न जाएं। जो लोग वहां मौजूद हैं वो जल्द से जल्द वहां से निकल जाएं।
इजराइल ने 25 मई को राफा में एयर स्ट्राइक की थी। इसमें 45 लोगों की मौत हुई थी। इजराइल के इस हमले की कई देशों ने निंदा की थी। इसी के बाद मालदीव ने इजराइली नागरिकों पर बैन लगाने का फैसला किया है।
इस बीच भारत में मौजूद इजराइली एबैंसी ने एक पोस्ट कर इजराइली टूरिस्टों से मालदीव की जगह भारत की यात्रा करने की अपील की है। इजराइली एबैंसी ने लिखा है- चूंकि अब मालदीव ने इजराइली टूरिस्ट्स पर प्रतिबंध लगा दिया है। ऐसे में वे भारत के कुछ खूबसूरत और अद्भुत समुद्री तटों पर जा सकते हैं जहां पर इजराइली टूरिस्ट्स का गर्मजोशी से और बेहद आतित्थ सत्कार के साथ स्वागत किया जाता है।
इजराइली एबैंसी अपनी पोस्ट में लक्षद्वीप, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, गोवा और केरल की कुछ तस्वीरें भी लगाई हैं। इजराइली विदेश मंत्रालय ने भी अपने नागरिकों से मालदीव की यात्रा न करने का निर्देश दिया है।
इसके अलावा कैबिनेट ने फिलिस्तीनियों के लिए फंड जुटाने और फिलिस्तीन के समर्थन के लिए मुस्लिम देशों के साथ चर्चा करने का भी फैसला किया है। साथ ही ‘मालदीव फिलिस्तीन के साथ’ रैली भी आयोजित की जाएगी। गृह मंत्री अली इहुसन ने कहा- हमारा लक्ष्य फिलिस्तीन के साथ एकजुटता दिखाना है।
दरअसल, मालदीव की राजधानी माले शहर में लगभग एक महीने से गाजा और अन्य कब्जे वाले फिलिस्तीनी क्षेत्रों में इजराइली हमलों के खिलाफ लोग सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं। मालदीव के लोग इजराइली नागरिकों के देश में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने की लंबे समय से मांग कर रही थी।
मालदीव में हर साल अलग-अलग देश से दस लाख से अधिक टूरिस्ट आते हैं, जिसमें से 15 हजार टूरिस्ट इजराइली नागरिक होते हैं। मालदीव की अर्थव्यवस्था भी टूरिज्म पर निर्भर करती है, इसके बावजूद मालदीव ने इजराइली नागरिकों की एंट्री पर बैन लगाया है।
मालदीव से पहले साउथ अफ्रीका ने इजराइल-गाजा युद्ध को लेकर अहम फैसला लिया था। साउथ अफ्रीका ने इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) से इजराइल के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू करने की मांग की थी। ICJ ने गाजा में फिलिस्तीनियों के खिलाफ हिंसक कार्रवाइयों को रोकने के लिए एक अस्थायी आदेश भी जारी किया था।
7 अक्टूबर 2023 को इजराइल पर हुए हमलों में हमास करीब 234 लोगों को बंधक बनाकर गाजा ले गया था। दोनों पक्षों के बीच अब तक सिर्फ एक बार 24-30 नवंबर तक सीजफायर हुआ था। तब हमास और इजराइली सेना ने 7 दिनों के लिए हमले रोके थे। इस दौरान करीब 107 बंधकों को रिहा किया गया था।
मालदीव के राष्ट्रपति चुनाव के दौरान ‘इंडिया आउट’ कैंपेन चलाकर मुइज्जू ने पहले ही भारत में अपनी छवि खराब की थी। बाकी कसर उनके 3 मंत्रियों ने पूरी कर दी। दरअसल, PM मोदी 4 जनवरी को लक्षदीप के दौरे पर गए थे। इस दौरान उन्होंने लक्षद्वीप की खूबसूरती की तारीफ की थी। साथी ही इस ट्रिप का एक वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया था।
इस पर लोगों ने कमेंट कर कहा था कि लाखों रुपए खर्च कर मालदीव जाने से बेहतर है कि लक्षद्वीप जाएं। इस बात से मालदीव के मंत्री और नेता भड़क गए। वहां की महिला मंत्री मरियम शिउना, डिप्टी मिनिस्टर्स अब्दुल्ला महजूम माजिद और माल्शा शरीफ ने PM मोदी के लक्षद्वीप दौरे को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी।
इसके विरोध में सोशल मीडिया पर हैशटैग BoycottMaldives ट्रेंड होने लगा था। मामले में कार्रवाई करते हुए मालदीव ने तीनों मंत्रियों को सस्पेंड कर दिया। इसी बीच मुइज्जू चीन के दौरे पर चले गए। जबकि ज्यादातर ऐसा होता आया है कि राष्ट्रपति बनने के बाद मालदीव के नेता भारत के दौरे पर आते हैं। वहां से लौटकर मुइज्जू ने कहा कि कोई देश उन्हें धमका नहीं सकता।
मुइज्जू ने मालदीव का समर्थन करने के लिए चीन के लोगों से उनके देश घूमने आने की अपील की। इसके बाद मालदीव ने भारत के साथ हुए हाइड्रोग्राफिक सर्वे एग्रीमेंट को भी खत्म कर दिया।
भारत से विवाद का असर मालदीव के टूरिज्म सेक्टर पर पड़ा। आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 5 महीनों में मालदीव जाने वाले भारतीयों की संख्या में 40% की गिरावट आई है। हालांकि, मालदीव के विदेश मंत्री का मानना है कि ये भारत और मालदीव में चुनावी मौसम का असर है। समय के साथ भारतीय पर्यटक मालदीव जाना फिर शुरू कर देंगे।