लखनऊ में गर्मी के कारण जू के जानवरों के लिए भी इंतजाम बदले गए हैं। सांप घर के आसपास शीतलता बनाए रखने का प्रयास किया जा रहा है, ताकि सेहत पर निगेटिव असर ना पड़े। गर्मी की वजह से भालू सुषमा ने खाना छोड़ दिया है। उसे तरबूज, खरबूज, लीची, आम, केला, दूध-रोटी, दूध-चावल, सीजनल फल खिलाया जा रहा है। मांसाहारी जानवर को उनकी डाइट से भी कम मीट दिया जा रहा है।
बाघ ‘शेर खान’ अब कूलर की हवा लेने लगा है। पशु-पक्षियों की 24 घंटे मॉनिटरिंग की जा रही। जू में 81 प्रजाति के 995 प्राणी हैं। इन पर गर्मी का असर कम रहे इसलिए यह विशेष व्यवस्था की गई है।
यहां पर जानवरों की कैमरे से इनकी निगरानी की जा रही है। जू में शेरखान, सिम्बा, अभि और साक्षी नाम के चार बाघ हैं। इन्हें इनकी उम्र और हेल्थ के हिसाब से डाइट दी जाती है। इस समय यह एक से डेढ़ किलो कम खाना खा रहे हैं। डाइट कम होने पर दूसरे सप्लीमेंट के जरिए जानवरों की हेल्थ को सही रखा जा रहा है।
वार्म नाइट जानवरों को बेचैन कर रही है। जू में वार्म नाइट के बीच एक रात काले हिरण आपस में लड़ने लगे। इसके बाद इन्हें अलग कर दिया गया। इनकी प्रॉपर मॉनिटरिंग की जा रही है। जू की निदेशक अदिति शर्मा ने बताया कि जानवर सुबह और देर शाम के समय ही मूमेंट कर रहे हैं। उन्होंने कहा- जानवरों के बाड़े सुबह सामान्य रूटीन से पहले खोल दिया जा रहा है। इससे वह अच्छा महसूस कर रहे हैंं। आम तौर पर विजिटर्स एरिया में निकलने के बाद जानवरों के हाउस बंद कर दिए जाते हैं, जबकि इस समय हाउस गेट के साथ में विजिटर्स एरिया भी ओपन रखा जा रहा है।
जानवरों को गर्मी की तपन से बचाने के लिए जू में सामान्य तापमान मेंटेन किया जा रहा है। इसके लिए पूरे जू में 25 कूलर लगाए गए हैं। शेर, चीता, सांप घर, लायन टेल मंकी, व्हाइट टाइगर, उल्लू घर, मछली घर के लिए कूलर चलाए जा रहे हैं। वहीं, गर्मी से बचाने के लिए पशु पक्षियों के लिए स्प्रिंकलर सिस्टम लगाए गए हैं, जो रोटेशन के आधार पर चलाए जा रहे। यह स्प्रिंकलर पशुओं के साथ में पक्षियों के बाड़े में भी लगे हैं।
पशुओं के लिए बाड़े में हौद की व्यवस्था की गई है। इस दौरान गर्मी के चलते पानी गर्म होने पर उसे लगातार बदला भी जा रहा है। पशुओं के डाइट में भी थोड़ा बदलाव किया गया है। इसमें ताजे, फल, फूल, सब्जी, खीरा, ककड़ी, तरबूज, खरबूज सहित अन्य पत्तेदार सब्जियां डाइट में शामिल की गई हैं। लू के थपेड़े से पक्षियों को बचाने के लिए चटाई लगाई गई है। पानी की फुहार भी लगातार चलाई जा रही। ताकि बाड़े ठंडे बने रहें।
उड़ीसा से आई शांति लता सिंह देव परिवार के साथ जू आई थी। टॉय ट्रेन से वह परिवार के साथ सफर कर रही थीं। उन्होंने कहा कि ठंडे पानी की व्यवस्था थोड़ी और करनी चाहिए। पर्यटक मंजू त्रिपाठी ने बताया कि गर्मी में जानवर सुस्त पड़े हुए हैं। ठंडी में जानवर सुस्त नहीं रहते हैं। यहां आकर अच्छा लगा है।लखीमपुर से आए स्वामी दयाल ने कहा कि बहुत से जानवर और पक्षी देखे। गर्मी में अच्छा लगा है।