इजराइल ने सेना के दो अफसरों को बर्खास्त कर दिया है। ये गाजा में एक फूड चैरिटी के काफिले पर हवाई हमले में शामिल इकाई का हिस्सा थे।
जिन पर कार्रवाई हुई है, उनमें ब्रिगेड फायर सपोर्ट कमांडर और ब्रिगेड चीफ ऑफ स्टाफ शामिल हैं। इसके अलावा, अतिरिक्त कमांडरों को भी इस हवाई हमले के लिए फटकार लगाई गई है। यह कार्रवाई उस घटना की जांच के बाद हुई।
2 अप्रैल को हुई इजराइली एयरस्ट्राइक में 7 राहतकर्मियों की मौत हो गई थी। इधर, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन की चेतावनी के बाद इजराइल के तेवर नरम पड़ गए हैं। इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के ऑफिस ने शुक्रवार को बताया कि गाजा में फिलिस्तीनी नागरिकों तक मानवीय सहायता पहुंचाने की दिशा में कदम उठा रहा है।
एक अधिकारी ने उत्तरी गाजा के बीच इरेज क्रॉसिंग को फिर से खोलने की मंजूरी दी है। साथ ही इजराइली पोर्ट अशदोद के इस्तेमाल की भी इजाजत रहेगी। हालांकि घोषणा में यह नहीं बताया गया कि किन चीजों को आने दिया जाएगा और किस मात्रा में आने दिया जाएगा।
इससे पहले, वाइट हाउस में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता एड्रिएन वॉटसन ने कहा कि दोनों जगहों के अलावा इजराइल ने जॉर्डन से भी मदद बढ़ाने पर सहमति जताई है।
दरअसल, 4 अप्रैल को फोन पर नेतन्याहू से बाइडेन ने कहा था कि गाजा में जंग के लिए भविष्य में अमेरिकी समर्थन नागरिकों और सहायता कर्मियों की सुरक्षा के लिए इजराइल की ओर से कदम उठाए जाने पर निर्भर करेगा। जंग के चलते गाजा में हालात खराब हैं और भुखमरी फैली है।
इजराइल और उत्तरी गाजा के बीच इरेज बॉर्डर एक चेकपॉइंट है। इस पर हमास ने 7 अक्टूबर को हमला किया था। तब से इजराइल इसे फिर से खोलने से इनकार कर दिया था। हमले में 1200 लोग मारे गए और 250 बंधक बनाए गए थे। संयुक्त राष्ट्र ने इसे फिर से खोलने का स्वागत किया है। गाजा में मारे गए फिलस्तीनियों की संख्या 33,000 से ज्यादा हो गई है। 75,600 लोग घायल हैं।
एक वीडियो संदेश में PM नेतन्याहू ने राहतकर्मियों की मौत पर सफाई देते हुए कहा, “दुर्भाग्य से, एक दुखद घटना घटी जिसमें हमारी सेना ने अनजाने में गाजा पट्टी में राहतकर्मियों को मार दिया। सेना से गलती हुई। हमें बहुत दुख है कि हमले में राहतकर्मियों की मौत हुई, लेकिन जंग में ऐसा ही होता है। आने वाले समय में किसी बेगुनाह की जान न जाए इस बात का हम ध्यान रखेंगे। इस मामले में जांच होगी।”
मंगलवार देर रात इजराइली सेना ने वर्ल्ड सेंट्रल किचिन चैरिटी के काफिले पर एयरस्ट्राइक कर दी थी। हमले में 7 वालंटियर मारे गए थे। ये ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, पोलैंड, अमेरिका के नागरिक थे।वर्ल्ड सेंट्रल किचिन चैरिटी ने फाउंडर शेफ एंड्रेस ने कहा, “राहतकर्मी चैरिटी के लोगो वाली दो बख्तरबंद कारों में थे। उन्होंने अपने आने की जानकारी इजराइली सेना को दी थी। बावजूद इसके सेना ने उन पर हमला किया।”
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज और ब्रिटेन ने प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने इस हमले के लिए इजराइल की निंदा की है। UN के मुताबिक, जंग में अब तक 196 राहतकर्मियों की मौत हो चुकी है।
हमास ने इजराइल पर 7 अक्टूबर को हमला किया था। उसने इजराइल के खिलाफ अपने ऑपरेशन को ‘अल-अक्सा फ्लड’ नाम दिया। इसके जवाब में इजराइल की सेना ने हमास के खिलाफ ‘सोर्ड्स ऑफ आयरन’ ऑपरेशन शुरू किया। हमास के सैन्य कमांडर मोहम्मद दीफ ने कहा था- ये हमला यरुशलम में अल-अक्सा मस्जिद को इजराइल की तरफ से अपवित्र करने का बदला है। दरअसल, इजराइली पुलिस ने अप्रैल 2023 में अल-अक्सा मस्जिद में ग्रेनेड फेंके थे।
वहीं, हमास के प्रवक्ता गाजी हामद ने अल जजीरा से कहा था- ये कार्रवाई उन अरब देशों को हमारा जवाब है, जो इजराइल के साथ करीबी बढ़ा रहे हैं। हाल ही के दिनों में मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि अमेरिका की पहल पर सऊदी अरब इजराइल को देश के तौर पर मान्यता दे सकता है।