एआईएमआईएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने बीते दिनों सीमांचल के इलाके में दौरा किया था। तब उन्होंने कहा था कि सीमांचल के बाहर भी उम्मीदवार देंगे। अब उनकी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने बिहार में 11 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। इन सीटों में चार लोकसभा क्षेत्र अररिया, पूर्णिया, कटिहार और किशनगंज सीमांचल के हैं। इसके अलावा दरभंगा, मुजफ्फरपुर, उजियारपुर, काराकाट, बक्सर, गया और भागलपुर की सीटें हैं।
जिन 11 सीटों पर एआईएमआईएम ने लोकसभा चुनाव लड़ने की घोषणा की है, उनमें 5 सीटों पर बीजेपी के सांसद हैं और 5 सीटों पर जेडीयू का कब्जा है। किशनगंज सीट पर कांग्रेस के सांसद हैं। साफ है ओबैसी के निशाने पर एनडीए है, लेकिन दूसरे तार्किक नजरिए से सोचे तो एआईएमआईएम के उम्मीदवार 11 सीटों पर मुसलमानों के वोट काटेंगे। ये वोट इंडिया गठबंधन के होंगे। यानी आरजेडी और कांग्रेस के वोट कटेंगे।
2019 के लोकसभा चुनाव में किशनगंज को छोड़ दें तो सीमांचल की ज्यादातर सीटों यानी पूर्णिया, कटिहार और अररिया में एनडीए का कब्जा रहा। महागठबंधन सिर्फ एक सीट किशनगंज बचा पाई। पूर्णिया में जदयू के संतोष कुशवाहा ने कांग्रेस के उदय सिंह को हराया था। कटिहार में जदयू के दुलाल चंद गोस्वामी ने कांग्रेस के तारिक अनवर को हराया था। अररिया में बीजेपी के प्रदीप सिंह ने आरजेडी के सरफराज आलम को हराया था।
किशनगंज में कांग्रेस के मोहम्मद जावेद ने जेडीयू के महमूद अशरफ को हराया था। एआईएमआईएम ने 2019 में सिर्फ एक उम्मीदवार अख्तरुल ईमान को उतारा था। उन्होंने किशनगंज में 2 लाख 94 हजार वोट हासिल किया था, लेकिन जीत कांग्रेस के मो. जावेद की हुई थी। दूसरे स्थान पर जेडीयू के सैयद महमूद अशरफ रहे थे। इस लिहाज से एआईएमआईएम बिहार में लोकसभा चुनाव में पहली बार इतनी सीटों पर चुनाव लड़ने जा रही है।
सीमांचल की राजनीति पर विधानसभा के स्तर देखेंगे तो पूर्णिया, कटिहार, अररिया, फारबिसगंज में बीजेपी के विधायक हैं। एआएमआईएम ने विधानसभा चुनाव में 24 सीटों पर उम्मीदवार उतारा था। तब उपेन्द्र कुशवाहा की पार्टी रालोसपा, बहुजन समाज पार्टी सहित 6 पार्टियों ने मिलकर गठबंधन बनाया था। नतीजा यह हुआ कि एआईएमआईएम ने पांच सीटें जीतीं।
ओबैसी की पार्टी को आरजेडी ने सबसे अधिक नुकसान तब पहुंचाया। जब तेजस्वी यादव ने एआईएमआईएम के पांच में से चार विधायकों को तोड़ लिया और आरजेडी में शामिल कर लिया। अमौर विधायक और एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान को छोड़ दें तो बायसी से सैयद रुकनुद्दीन अहमद, जोकीहाट से शाहनवाज आलम, कोचाधामन से मोहम्मद इजहार असफी और बहादुरगंज से मोहम्मद अंजार नईमी आरजेडी के साथ चले गए।
सीमांचल के लोकसभा क्षेत्रों में किशनगंज में सबसे अधिक मुसलमान हैं। यहां 67 फीसदी मुस्लिम वोटर हैं। इसके बाद कटिहार में 38, अररिया में 32, पूर्णिया में 30 फीसदी वोटर हैं। बिहार में नए जाति सर्वे के अनुसार राज्य में मुसलमान 17.70 फीसदी हैं।