कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे लोकसभा चुनाव से दूरी बना सकते हैं। सोमवार को कांग्रेस की दूसरी लिस्ट के मंथन को लेकर हुई मीटिंग के बाद सूत्रों का कहना है कि हो सकता है खड़गे इस बार चुनाव नहीं लड़े। NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक, खड़गे चाहते हैं कि वे कांग्रेस के चुनावी कैंपेन को लीड करे और अपने पर्सनल कैंपेन में व्यस्त न हो जाए।
7 मार्च को हुई कांग्रेस CEC की मीटिंग में कर्नाटक के गुलबर्गा से खड़गे का ही नाम फाइनल किया गया था। हालांकि पार्टी ने इसका ऐलान नहीं किया था। सूत्रों का कहना है कि खड़गे अब अपने दामाद राधाकृष्ण डोड्डमानी को इस सीट से उम्मीदवार बना सकते हैं।
मल्लिकार्जुन खड़गे 2009 और 2014 के लोकसभा चुनाव में गुलबर्गा सीट से चुनाव जीत चुके हैं। 2019 में उन्हें भाजपा नेता उमेश जाधव ने हरा दिया था। तब से वे राज्यसभा से सांसद और नेता प्रतिपक्ष हैं। राज्यसभा में उनके कार्यकाल के 4 साल और बचे हैं।
खड़गे के अलावा कांग्रेस के 4 पूर्व मुख्यमंत्री भी लोकसभा चुनाव नहीं लड़ना चाहते हैं। इनमें अशोक गहलोत, कमलनाथ, दिग्विजय सिंह और हरीश रावत का नाम शामिल है। साथ ही राजस्थान के पूर्व डिप्टी CM सचिन पायलट भी चुनाव लड़ने की इच्छा नहीं जता रहे हैं। सोमवार को हुई CEC बैठक में 5 राज्यों की 62 सीटों पर उम्मीदवारों की चर्चा हुई। इसमें गुजरात की 14 सीटें, राजस्थान की 13, मध्य प्रदेश की 16, असम की 14 और उत्तराखंड की 5 सीटों पर उम्मीदवारों की लिस्ट पर मंथन हुआ। आज 12 मार्च को यह लिस्ट जारी हो सकती है।
पहली लिस्ट में कांग्रेस ने 39 में से 20 नए उम्मीदवार उतारे हैं। 19 सीटों पर पुराने उम्मीदवारों को बरकरार रखा गया है। राहुल गांधी केरल की वायनाड सीट से लगातार दूसरी बार चुनाव लड़ेंगे। शशि थरूर को केरल के तिरुवनंतपुरम से लगातार चौथी बार टिकट मिला है।
छत्तीसगढ़ में 5 और तेलंगाना में 6 पुराने उम्मीदवारों के टिकट काट दिए गए हैं। कांग्रेस ने भूपेश बघेल, ताम्रध्वज साहू और केसी वेणुगोपाल जैसे दिग्गजों को मैदान में उतारा है।
पहली लिस्ट में सिर्फ 15 उम्मीदवार यानी करीब 38% जनरल कैटेगरी के हैं। SC/ST/OBC/मुस्लिम कैटेगरी के 24 उम्मीदवारों को टिकट दिया है यानी करीब 62%। कांग्रेस ने सिर्फ 10% टिकट महिलाओं को दिया है। वहीं 50 साल से कम उम्र के उम्मीदवार 31% हैं